आरक्षण के लिए ड्रा प्रक्रिया के दौरान मौजूद लोग (फोटाे नवभारत)
Akot Municipality Election: अकोला जिले की अकोट नगर पालिका में आगामी चुनावों के बाद महिलाओं का नेतृत्व स्पष्ट रूप से सामने आने वाला है। नगराध्यक्ष पद सहित कुल 19 पदों पर महिला प्रतिनिधियों को अवसर मिलेगा, जिससे स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी ऐतिहासिक रूप से बढ़ेगी। 35 पार्षदों में से 18 महिला पार्षद चुनी जाएंगी, जबकि नगराध्यक्ष पद पर भी महिला उम्मीदवार सीधे जनता द्वारा निर्वाचित होंगी।
बुधवार को नगर पालिका कार्यालय में उपविभागीय अधिकारी मनोज लोणारकर और मुख्याधिकारी विश्वनाथ वडजे की उपस्थिति में प्रभागवार आरक्षण की प्रक्रिया हुई। नगराध्यक्ष पद का आरक्षण पहले ही सरकार स्तर पर घोषित किया गया था, जो इस बार नागरिकों के पिछड़ा प्रवर्ग की महिला के लिए आरक्षित किया गया है।
इसी तरह प्रभागवार आरक्षण के अनुसार महिलाओं को विशेष प्रतिनिधित्व मिला है: जिनमें सर्वसाधारण महिलाओं के लिए 11 प्रभाग, अन्य पिछड़ावर्ग की महिलाओं के लिए 5 प्रभाग, अनुसूचित जाति महिला के लिए 2 प्रभाग इस प्रकार कुल 18 महिला प्रतिनिधि नगर पालिका में सत्ता संचालन में भाग लेंगी। इसी तरह आरक्षण के अनुसार सर्वसाधारण वर्ग को 10, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 4, अनुसूचित जाति को 2 और अनुसूचित जमाति को 1 प्रभाग आरक्षित किया गया है।
महिला आरक्षण घोषित होने के बाद कई संभावित पुरुष उम्मीदवारों में निराशा देखी गई, लेकिन हार न मानते हुए अधिकांश इच्छुकों ने अपनी अर्धांगिनी को चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि महिलाओं को अब केवल नाममात्र की भूमिका नहीं, बल्कि वास्तविक सत्ता संचालन का अवसर मिलने वाला है।
इसके पूर्व में भी कुछ अपवादों को छोड़कर स्थानीय निकायों में महिलाओं के नाम पर सत्ता उनके पति, भाई या अन्य पुरुष रिश्तेदारों द्वारा संचालित की जाती थी। लेकिन इस बार की आरक्षण प्रक्रिया के बाद राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।
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इस आरक्षण के बाद कई संभावित उम्मीदवारों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। कई परिवारों में अब महिलाएं चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं। इससे न केवल महिलाओं को नेतृत्व का अवसर मिलेगा, बल्कि स्थानीय शासन में उनकी भागीदारी भी सशक्त होगी।
अकोट नगर पालिका में यह परिवर्तन महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह बदलाव न केवल सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी एक नई दिशा की ओर संकेत करता है। आगामी चुनावों में महिला उम्मीदवारों की सक्रियता और जनता का समर्थन इस बदलाव को और भी प्रभावशाली बना सकता है।