अकोला श्मशानघाट (सोर्स: सोशल मीडिया)
Akola Air Pollution Control Unit: केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत अकोला महानगरपालिका को वायु प्रदूषण कम करने के लिए निधि मंजूर की गई थी। इसी निधि से सिंधी कैंप स्थित श्मशानभूमि में एयर पॉल्यूशन कंट्रोल यूनिट लगाने का काम शुरू किया गया है। 80 लाख रुपये की लागत से चल रहे इस कार्य को अब गति दी गई है।
महाराष्ट्र के प्रत्येक शहर में दिन-प्रतिदिन वायु प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। शहरों में छोटे-बड़े कारखाने, श्मशानभूमि और अन्य कारणों से हवा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। कारखानदारों को भी एयर पॉल्यूशन कंट्रोल यूनिट लगाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं बड़े शहरों को छोड़कर अन्य स्थानों पर आज भी अंत्येष्टि के लिए लकड़ी का उपयोग किया जाता है, जिससे हवा में भारी मात्रा में प्रदूषण फैलता है।
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इस समस्या को रोकने के लिए शहर की सभी श्मशानभूमियों में चरणबद्ध तरीके से एयर पॉल्यूशन कंट्रोल यूनिट लगाए जाएंगे। पहले चरण में अकोला शहर के सिंधी कैंप श्मशानभूमि में यह यूनिट स्थापित किया जा रहा है। इस यूनिट की विशेषता यह है कि एक साथ चार चिताओं से निकलने वाला धुआं इस यूनिट के माध्यम से बाहर निकलेगा।
80 लाख रुपये की लागत से तैयार हो रहे इस यूनिट के जरिए ज्वालाओं और धुएं से निकलने वाले हानिकारक तत्व सीधे हवा में न जाकर नष्ट हो जाएंगे। इससे वातावरण में प्रदूषण का स्तर कम होगा और नागरिकों को स्वच्छ हवा मिलेगी।
कार्यकारी अभियंता अजय गुजर ने कहा कि अकोला शहर में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम केंद्र सरकार द्वारा लागू किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले चरण में सिंधी कैंप श्मशानभूमि में यूनिट लगाने का काम शुरू हुआ है। आगामी समय में उपलब्ध निधि के अनुसार अन्य श्मशानभूमियों में भी ऐसे यूनिट लगाए जाएंगे।