राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे (डिजाइन फोटो)
मुंबई: विधानसभा चुनाव 2024 में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) तथा राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की दुर्गति के बाद ठाकरे परिवार को मानने वाले बार-बार दोनों भाइयों (उद्धव व राज) से साथ आने की अपील करते रहे हैं। पिछली कुछ सभाओं में राज ने उद्धव के खिलाफ टिप्पणी नहीं की इसलिए महाराष्ट्र में निकट भविष्य में होने वाले मनपा/निकाय चुनाव की तैयारियों की पृष्ठभूमि में उद्धव-राज के साथ आने का मुद्दा फिर चर्चा में आ गया। इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में शिवसेना (यूबीटी) के नेता विधायक आदित्य ठाकरे ‘बिन शर्त’ कहते हुए दोनों भाइयों के साथ आने की संभावनाओं को बल दिया है।
आदित्य ने उद्धव और राज के एक साथ आने के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दे समझ से परे होते हैं। दोनों भाई करीब 20 साल पहले अलग हुए थे। 5 या 10 साल पहले उद्धव ने हाथ साथ आने के लिए बढ़ाया भी था लेकिन अब यह कब संभव होगा, यह देखना होगा।
ऐसा कहते हुए आदित्य ने कहा कि पिछले दो वर्षों से हमारी लड़ाई चल रही है। हमने अपनी भूमिका नहीं बदली है। राज के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधते हुए आदित्य ने कहा कि हम रात-बेरात हुडी और वगैरह पहनकर किसी से मिलने नहीं गए। हम सबके सामने मुख्यमंत्री से मिलते हैं और अपनी मांगें मीडिया के सामने रखते हैं। लेकिन कुछ पार्टियां ‘बिना शर्त’ समर्थन करती हैं।
कभी-कभी वे अपने दम पर लड़ते हैं तो कभी-कभी मतदान में गड़बड़ी का आरोप लगाने लगते हैं। कभी-कभी वे सभा आयोजित करते हैं। लेकिन हमें चाहे जितनी भी असफलताओं का सामना करना पड़े या घात हो, हम अपनी विचारधारा नहीं छोड़ेंगे। भूमिका में निरंतरता बनी रहनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता है।
भाजपा से गठबंधन के प्रस्ताव पर आदित्य ने कहा कि समय-समय पर प्रस्ताव आते रहते हैं। लेकिन हम अपनी भूमिका को लेकर दृढ़ हैं। जब तक वे देश, लोकतंत्र, संविधान और महाराष्ट्र को बचाने व संरक्षित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाते, तब तक यह संभव नहीं है। भाजपा को अपनी स्थिति बतानी चाहिए। आदित्य ने कहा कि बीजेपी हमें तोड़ने की चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन हम महाराष्ट्र के लिए लड़ते रहेंगे। महाराष्ट्र की हमारी आवाज बंद नहीं होगी।
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आदित्य ने डीसीएम शिंदे और उनके सहयोगियों पर बरसते हुए कहा कि 40 चोरों ने शिवसेना प्रमुख की भूमिका की बात करते हैं। 40 चोरों का भगा ले गए। उनमें से कुछ तो बेशर्म लोग हैं बड़े साहब की भूमिका की बात करते हैं। जबकि उन्होंने कभी साहब के साथ काम ही नहीं किया था। वे अपने विचार रखते हैं। हमारी लड़ाई जारी रहेगी। लोगों को कभी न कभी न्याय मिलेगा ही। आपको क्यों भागना पड़ा? गुजरात क्यों जाना पड़ा? उन्हें इसका जवाब देना होगा।