66 स्कूलों के शिक्षक होंगे 'अतिरिक्त' घोषित। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
भंडारा: महाराष्ट्र सरकार के शालेय शिक्षा व क्रीड़ा विभाग की ओर से 15 मार्च 2024 को जारी किए गए सैट मान्यता के नए संरचनात्मक बदलावों से जिले के गरीब, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के स्कूलों पर संकट मंडराने लगा है। नए मापदंडों के अनुसार सैट मान्यता प्रदान की गई है, जिससे कई स्कूलों को शिक्षक ही नहीं मिल पाएंगे।
इससे 66 स्कूलों पर अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है, जबकि 39 स्कूलों के स्थायी रूप से बंद होने की आशंका जताई जा रही है। सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए सैट मान्यता 30 सितंबर 2024 की छात्र संख्या के आधार पर प्रदान की है। इसके तहत स्थानिक स्वराज्य संस्था, शासकीय, निजी अनुदानित और आंशिक रूप से अनुदानित स्कूलों पर एक समान नियम लागू किए गए हैं। परंतु इन मापदंडों को शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न संगठनों ने अन्यायकारक करार देते हुए इन्हें सुधारने की मांग की है।
नए मापदंडों के चलते कई स्कूलों को नवमी और दसवीं के लिए शून्य शिक्षक पद प्रदान किए गए हैं, क्योंकि वहां की छात्र संख्या 20 से कम है। इससे ऐसे स्कूलों के शिक्षक ‘अतिरिक्त’ घोषित हो जाएंगे। विभाग ने निर्देश दिया है कि 22 मई तक इन अतिरिक्त शिक्षकों का समायोजन कर लिया जाए।
भंडारा जिले में 6वीं से 8वीं तक की कक्षाओं में 20 से अधिक छात्र संख्या वाली 24 माध्यमिक स्कूलें और 15 ऐसी प्राथमिक स्कूलें हैं, जहां 6वीं से 8वीं तक 20 से कम छात्र हैं। कुल 39 स्कूलों पर नए सैट मान्यता नियमों के कारण बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।
दुर्गम पहाड़ी, आदिवासी बहुल और शहरी झोपड़पट्टी क्षेत्रों के गरीब बच्चों के लिए यह निर्णय सबसे अधिक नुकसानदायक साबित हो सकता है। इन बच्चों की शिक्षा बाधित होने की संभावना है। शिक्षा से जुड़े संगठनों ने मांग की है कि 6वीं से 8वीं तक की कक्षा में यदि छात्र संख्या 20 हो तो कम से कम दो शिक्षक नियुक्त किए जाएं और 20 से अधिक होने पर 3 शिक्षक के पद स्वीकृत किए जाएं।