कलेक्टर कार्यालय उमरिया म.प्र.
भोपाल: मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले उमरिया से एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसने प्रशासन को भी चौंका दिया है। जनजाति कल्याण कार्य विभाग के पाली विकासखंड में 2 करोड़ 60 लाख रुपये की भारी वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है। भोपाल से आई विशेष टीम को इसकी भनक लगी, जिसके बाद टीम ने जांच रिपोर्ट उमरिया कलेक्टर को सौंपी। कलेक्टर ने तुरंत इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी का गठन कर दिया है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है। यह मामला सरकारी धन के दुरुपयोग का बड़ा उदाहरण बन गया है।
पाली विकासखंड में जांच के दौरान 25 संदिग्ध खातों का खुलासा हुआ है, जिनमें गुपचुप तरीके से सरकारी राशि का ट्रांसफर किया गया। घोटाले की जानकारी तब मिली जब आहरण आयुक्त कोष और लेखा द्वारा कलेक्टर को पत्र सौंपा गया। भोपाल से आई टीम ने इन खातों की जानकारी और दस्तावेज जिला प्रशासन को दिए। कलेक्टर ने तत्काल मामले की जांच शुरू कराई और एसडीएम पाली अंबिकेश प्रताप सिंह को जांच का जिम्मा सौंपा।
मध्य प्रदेश की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें
जांच अधिकारी ने बताया कि सभी दस्तावेजों और खातों की गहराई से जांच की जा रही है। इसमें फर्जी खातों और फंड ट्रांसफर की पूरी पड़ताल की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। इस मामले से यह साफ हो गया है कि जिले में सरकारी धन के दुरुपयोग की गंभीर समस्या है, जिसे खत्म करने के लिए प्रशासन अब सतर्क हो गया है।
सरकारी योजनाओं के लिए भेजी गई राशि अगर इस तरह से गबन हो, तो न केवल सरकार की छवि धूमिल होती है, बल्कि जरूरतमंदों तक सहायता नहीं पहुंच पाती। उम्मीद है कि इस जांच के बाद ऐसी अनियमितताओं पर लगाम लगेगी और जिम्मेदारों को कड़ा दंड मिलेगा। आपको बता दें कि जनजाति कल्याण कार्य विभाग के पाली विकासखंड में भारी वित्तीय गड़बडी उजागर हुई है। भोपाल से आई विशेष टीम को इसकी भनक लगी और जिसके बाद टीम ने जांच रिपोर्ट उमरिया कलेक्टर को सौंपी।