मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री संपतिया उइके (फोटो- सोशल मीडिया)
भोपाल: मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत 1000 करोड़ रुपये की कथित कमीशन वसूली का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घोटाले के आरोप प्रदेश की महिला मंत्री संपतिया उइके पर लगे हैं। पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा प्रधानमंत्री को भेजे गए शिकायती पत्र के बाद इस मुद्दे पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। वहीं मंत्री ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि “जो जांच करना चाहे, कर ले, सांच को आंच नहीं।”
मंत्री संपतिया उइके ने राजधानी भोपाल में मीडिया से कहा, “मैं एक आदिवासी महिला हूं, गरीब परिवार से आती हूं। पूरी ईमानदारी से जनता की सेवा कर रही हूं। मुख्यमंत्री को सब कुछ पता है, मैं क्या हूं और कैसी हूं। जो लोग मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, वे गलतफहमी में हैं। मैं इस मामले में जल्द प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हर सवाल का जवाब दूंगी।”
शिकायतकर्ता ने पीएम को लिखा पत्र
पूर्व विधायक किशोर समरीते ने 12 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक शिकायती पत्र भेजा था, जिसमें मंत्री संपतिया उइके पर जल जीवन मिशन से 1000 करोड़ रुपये की अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने तत्कालीन प्रमुख अभियंता बीके सोनगरिया और उनके अकाउंटेंट महेंद्र खरे पर भी करोड़ों की घूसखोरी का आरोप लगाया। यह आरोप विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहे हैं।
विभाग ने बताया आरोप मनगढ़ंत, फिर भी जांच के निर्देश
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) ने इन आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद और तथ्यहीन बताते हुए एक प्रेस नोट जारी किया है। विभाग ने साफ किया कि शिकायत में किसी भी प्रकार का ठोस प्रमाण नहीं दिया गया है। बावजूद इसके, विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ संजय अंधवान ने प्रधानमंत्री कार्यालय की मांग पर जांच के निर्देश दिए हैं। इससे साफ है कि मामला गंभीरता से लिया जा रहा है।
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बता दें कि पीएचई मंत्री संपतिया उइके ने मीडिया से कहा, मैं पूरी तरह से निर्दोष हूं जांच जिस तरह से भी जरूरी हो, हो सकती है। सत्य को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता। मुझे किसी भी जांच से कोई दिक्कत नहीं है, मैं आदिवासी महिला हूं, गरीब मजदूर वर्ग से आती हूं और जनता की सेवा कर रही हूं। मुख्यमंत्री जी को सब पता है, मेरे साथ जो उत्पीड़न हो रहा है, वो पूरी तरह से गलत है। हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त है। अगर किसी के खिलाफ शिकायत आती है तो उसकी जांच होती है, मैं कैबिनेट में जा रही हूं और इस बारे में मुख्यमंत्री से बात करूंगी वो जानते हैं कि मैं कौन हूं और कैसी हूं, हमारा संगठन भी ये जानता है।