Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • यूटिलिटी न्यूज़
  • फैक्ट चेक
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • होम
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

आखिर क्रिसमस पर क्यों सजाया जाता है पेड़, जानिए ईसाई धर्म की इस परंपरा के बारे में

क्रिसमस से मौके पर केक, गिफ्ट और सजावट पर अच्छा ध्यान दिया जाता है वहीं पर क्रिसमस पर खास परंपराएं भी निभाई जाती है। क्रिसमस के मौके पर पेड़ को सजाने की परंपरा होती है इसके बिना शायद ही त्योहार अधूरा होता है।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Dec 22, 2024 | 03:16 PM

क्रिसमस ट्री का महत्व (सौ.सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

Christmas Tree: दुनियाभर में कई बड़े व्रत और त्योहार का महत्व होता है। इसमें ही ईसाई धर्म का सबसे बड़ा त्योहार क्रिसमस आने वाला है। यह दुनियाभर में 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस से मौके पर केक, गिफ्ट और सजावट पर अच्छा ध्यान दिया जाता है वहीं पर क्रिसमस पर खास परंपराएं भी निभाई जाती है। क्रिसमस के मौके पर पेड़ को सजाने की परंपरा होती है इसके बिना शायद ही त्योहार अधूरा होता है। क्रिसमस पर आखिर इस परंपरा को क्यों निभाया जाता है चलिए जानते है इसके पीछे का अर्थ।

जानें कब से हुई क्रिसमस ट्री सजाने की शुरुआत

यहां पर क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा की शुरुआत जर्मनी में 16वीं शताब्दी के दौरान हुई थी जहां पर कुछ ईसाई परिवार ने देवदार वृक्ष को महत्व देते हुए पेड़ों को सजाना शुरु किया है। यहां पर इस वृक्ष को जीवन और पुनर्जन्म का प्रतीक माना जाता था। वहीं पर प्राचीन पगन धर्म (Pagan Religion) से प्रेरित है, जहां सर्दियों के मौसम में हरियाली को आशा और नए जीवन का प्रतीक माना जाता था।

वहीं पर इस पेड़ को भगवान यीशु मसीह के जन्म से जोड़ा जाता है। पेड़ को सजाने के पीछे इस तथ्य को भी माना गया कि, यह जीवन और अमरता का प्रतीक है पेड़ पर लगाया जाने वाला सितारा बेतलेहम के तारे को दर्शाता है, जिसने तीन बुद्धिमान लोगों (मागी) को यीशु तक पहुंचने का रास्ता दिखाया था।

क्रिसमस की खबरें जानने के लिए क्लिक करें 

परंपरा से जुड़ी खास बातें

यहां पर यह भी माना जाता है कि, पेड़ दुनिया और ईश्वर की कृपा का प्रतीक हैं रोमनों और जर्मन पगन परंपराओं में सर्दियों के दौरान देवदार और अन्य हरियाली से जुड़ी चीजों को घर में लाने का चलन था. इसे बुरी आत्माओं को दूर रखने और भाग्य को आमंत्रित करने का प्रतीक माना जाता था। इस पेड़ सजाने की परंपरा को 19वीं सदी से शुरु किया गया था।

बाइबल में क्या मिलता है उल्लेख

यहां पर ईसाई के प्रमुख ग्रंथ बाइबल में वैसे तो क्रिसमस ट्री का कोई खास महत्व नहीं मिलता है लेकिन ईसाई इसे बाइबल की शिक्षाओं से जोड़ते हैं. यिर्मयाह 10:2-4 में लकड़ी के पेड़ों को काटकर सजाने का उल्लेख मिलता है, लेकिन यह संदर्भ मूर्तिपूजा से जुड़ा है, न कि क्रिसमस से. वहीं, बाइबल में क्रिसमस ट्री का जिक्र न होने के बावजूद, इसे यीशु मसीह के प्रतीकात्मक अर्थ से जोड़ा गया है। दरअसल क्रिसमस ट्री सजाने का मुख्य उद्देश्य परिवार और दोस्तों के साथ सामूहिक खुशी और एकता का अनुभव करना, घरों में रोशनी और सौंदर्य लाना और बच्चों को प्यार और सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में सिखाना है।

 

Why is a tree decorated on christmas

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Dec 22, 2024 | 03:16 PM

Topics:  

सम्बंधित ख़बरें

1

श्रापित हस्तिनापुर से तीसरी बार नहीं लड़ूंगा चुनाव…किस बात से डर रहे योगी के मंत्री, देखें VIDEO

2

Tarique Rahman की घर वापसी: बांग्लादेश के लिए क्या है खालिदा के बेटे का ‘मास्टर प्लान’?

3

Pune में नामांकन शुरू, ‘आप’ के उम्मीदवार ने दाखिल किया पहला पर्चा

4

BSNL New Year Offer 2026: बिना extra खर्च के मिलेगा ज्यादा डेटा, महंगे रिचार्ज से मिलेगी राहत

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions Author
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.