आगरा अनोखा गणेश मंदिर (सौ.सोशल मीडिया)
आज से गणेशोत्सव की शुरुआत के साथ ही घरों और पंडालों में श्रीगणेश विराजित होने लगे हैं। इस 10 दिनों के उत्सव के दौरान देश के कई मंदिरों में अलग ही धूम देखने के लिए मिलेंगी तो वहीं पर कई मंदिरों की परंपरा की झलक बनेगी। वैसे तो भारत में कई प्रसिद्ध गणेश मंदिर हैं, जो एक अलग ही खासियत रखते हैं। आज हम बात कर रहे उत्तरप्रदेश के आगरा जिले के गोकुलपुरा की। यहां पर 261 साल पुराना ऐतिहासिक मंदिर स्थित हैं जहां आज भी भक्तों का तांता लगता हैं तो वहीं पर भगवान श्रीगणेश की अनोखी प्रतिमा भी विराजित है।
गोकुलपुरा में स्थित यह सिद्धिविनायक गणेश मंदिर में भगवान गणपति की चंदन की लकड़ी से बनी मूर्ति है और उस मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाया जाता है। गणेश उत्सव के दौरान यहां पर अलग ही रौनक देखने के लिए मिलती हैं। यहां पर 100 साल पुरानी प्रतिमा आज भी चंदन के सिंहासन पर विराजमान हैं। गणेश चतुर्थी के अलावा यहां पर चंदन से बनी पालकी पर भगवान गणेश को नगर भ्रमण कराया जाता है और उनकी शोभायात्रा भी निकाली जाती है। भगवान श्रीकृष्ण की तरह यहां पर श्रीगणेश को 56 प्रकार की चीजों का भोग लगाया जाता है। गणेश उत्सव के 10 दिनों में यहां अलग-अलग तरह के अनुष्ठान होते हैं तो वहीं पर गन्ने के रस से प्रतिमा का स्नान किया जाता है।
आगरा अनोखा गणेश मंदिर (सौ.सोशल मीडिया)
इस मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों को मंदिर खुलने के समय के बारे में जान लेना चाहिए। यहां पर आने के लिए भक्तों को आगरा आने पर एमजी रोड से राजा मंडी बाजार में आना है राजा मंडी बाजार से मनसा देवी गोकुलपुरा गली में पहुंचना है यहां पर सिद्धि विनायक मंदिर नजर आएगा यह हीं वह अनोखा मंदिर होगा। यहां पर मंदिर खुलने का समय सुबह 5:00 बजे 1:00 बजे तक दोपहर 2:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक है।
इस मंदिर के निर्माण का इतिहास पुराना हैं जो मुगलकाल के दौरान की मानी जाती है। उस समय वर्ष 1646 में मंदिर की स्थापना की गई थी जिसे बाद इसका मराठा सरदार महादजी सिंधिया ने वर्ष 1760 में मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था। उस समय कई चीजों स्थापित की गई थी जो आज भी देखने के लिए मिलती है। मंदिर के निर्माण के समय पीपल का पेड़ लगाया गया था जिसे आज भी आप देख सकेंगे। मंदिर पर मुगलों ने कई हमले किए थे लेकिन कई प्रहार के बाद आज भी मंदिर व्यवस्थित है।