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गिरती आबादी से घबराएं बुजुर्गो के देश, ये 5 फैक्टर्स बिगाड़ रहे जनसंख्या का गणित

बढ़ती जनसंख्या को लेकर जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। आखिर कौन से फैक्टर्स हैं जो बुजुर्गों के देश की आबादी को चिंता में डाले हुए है। जनसंख्या को बढ़ाने के लिए कई देश अपनी जनता को तमाम प्रलोभन दे रहे है

  • By दीपिका पाल
Updated On: Jul 11, 2025 | 10:25 AM

जनसंख्या दिवस (सौ. सोशल मीडिया)

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World Population Day: दुनियाभर में आज यानि 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन देश-दुनिया की जनसंख्या की स्थिति को बताने और कंट्रोल करने से जुड़ा होता है। भारत को जहां पर सबसे ज्यादा युवा देश के रूप में जाना जाता है वहीं दुनिया में कई देश ऐसे है जो अपनी बूढ़ी होती आबादी को लेकर खासा परेशान है। कई देश आबादी को बढ़ाने के लिए प्रयासों पर जोर दे रहा है चीन, जापान दुनिया के सबसे विकसित देश अपनी गिरती आबादी के दर्द से जूझ रहे है।

बढ़ती जनसंख्या को लेकर जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। आखिर कौन से फैक्टर्स है जो बुजुर्गों के देश की आबादी को चिंता में डाले हुए है। जनसंख्या को बढ़ाने के लिए कई देश अपनी जनता को तमाम प्रलोभन, योजनाएं दे रही है लेकिन फिर भी आबादी को बराबर कर पाना मुश्किल है।

जानिए कब से हुई जनसंख्या दिवस की शुरूआत

विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है। बताया जाता है कि, 11 जुलाई 1987 को दुनिया की आबादी 5 अरब तक पहुंच गई थी, यह एक गंभीर मुद्दा बन गया था। जनसंख्या बढ़ने पर कैसे विकास पर असर पड़ेगा और पर्यावरण इससे कैसे प्रभावित होगा। जहां पर देश के तमाम मुद्दों के बारे में जागरूक करने के लिए 1989 में युनाइटेड नेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) ने वर्ल्ड पॉपुलेशन डे मनाने का फैसला लिया था। जहां पर प्रक्रिया के अंतर्गत अगले साल यानी 1990 से दुनिया में 90 देशों ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया और यह क्रम जारी है।

चीन, जापान औऱ रूस जैसे देशों के सामने घटती जनसंख्या का दर्द है जो उन्हें डरा रहा है। चीन जैसे देश में एक दशक तक सिंगल चाइल्ड की पॉलिसी ने भी आबादी को घटाने का काम किया है. जापान में बच्चों के जन्म दर में होने वाली बड़ी गिरावट और बुजुर्गों की बढ़ी आबादी के कारण इसे बुजुर्गों का देश कहा जाने लगा है।

जनसंख्या बढ़ाने में जिम्मेदार हैं ये फैक्टर्स

आज हम जनसंख्या दिवस पर बुजुर्ग आबादी से जूझ रहे देशों की स्थिति को समझें तो इस तरह 5 तरह के फैक्टर्स जिम्मेदार हो सकते है।

1- भारत देश में जहां पर आबादी युवा है लेकिन कुछ देशों में आबादी बुजुर्ग वाली है। यानि यहां पर बुजुर्गों की संख्या, युवा लोगों से ज्यादा है। इस वजह से सरकार पर बुजुर्गों की पेंशन, स्वास्थ्य सेवाओं और देखभाल पर बोझ बढ़ता है जो आर्थिक स्थिति को खर्चों से भर देता है। देश जानता है कि, बुजुर्ग जनसंख्या उनका दायित्व है लेकिन युवा उनके देश का निर्माण करेगी। बुजुर्गों की आबादी बड़ा कारण है।

2- देश में कामकाजी लोगों की संख्या ज्यादा होगी तो देश तेजी से विकसित होगा लेकिन जन्म दर घटने से युवाओं की संख्या, बुजुर्गों के मुकाबले कम है। देश में कामकाजी लोग या युवा को सही रोजगार और पैसा नहीं मिलेगा तो वे काम नहीं करेंगे, इससे देश की प्रोडक्टिविटी घटने लगती है।

3- अगर देश की आबादी कम होती है तो काम करने के लिए श्रमिक नहीं मिल पाते है इसके लिए दूसरे देशों के श्रमिकों पर निर्भर रहना पड़ता है यह राज्यों के साथ भी स्थिति होती है। अगर अपने देश के लोग काम करेंगे तो फायदा है लेकिन अन्य देशों के लोगों को बुलाकर काम करवाने से सरकार की कमाई घटेगी और देश पर होने वाला खर्च बढ़ जाता है।

ये भी पढ़ें- ‘10,000 की आबादी में सम्मान ले रहे, उतने तो JCB…’, PM मोदी पर CM मान का तंज

4- अगर देश में युवाओं की आबादी कम है तो उस देश में किसी भी चीज की ज्यादा मांग ना होकर सीमित होती है या घट जाती है। कारोबार इस देश का मंदा रह जाता  है।टैक्सपेयर की संख्या घटती है वहीं पर सरकार की आबदनी उम्मीद से कम होती है।

5- जनसंख्या में असंतुलन होना नुकसानदायक होता है। ज्यादातर देशों में महिलाएं बच्चों को जन्म देने की तुलना में अपने कॅरियर पर ज्यादा फोकस कर रही हैं। इस वजह से जनसंख्या को नुकसान होता है।

These 5 factors are spoiling the population calculations

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Published On: Jul 11, 2025 | 07:47 AM

Topics:  

  • Census
  • China
  • Population Control

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