ब्यूबोनिक प्लेग बीमारी (सोशल मीडिया)
नवभारत डिजिटल टीम: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Corona Virus) के बाद अमेरिका में एक बीमारी में ‘ब्यूबोनिक प्लेग’ (Bubonic Plague) का खतरा मंडराया है। इस बीमारी का एक दुर्लभ मामला सामने आने के बाद इसे लेकर लक्षण और बचाव को लेकर लोगों की जिज्ञासा बढ़ी है।
इस बीमारी ब्यूबोनिक प्लेग ( Bubonic Plague) की बात की जाए तो, यह एक गंभीर बैक्टीरियण संक्रमण हैं, जो ज्यादातर बिल्ली और चूहों पर रहने वाले संक्रमित टिक्स से इंसान में फैलता है। इस बीमारी के होने का कारण येर्सिनिया पेस्टिस बैक्टीरिया है। यहां पर यह संक्रमित पिस्सू यानी टिक्स के संपर्क में आने से फैल सकता है, जो चूहों, या गिलहरियों जैसे संक्रमित जानवरों को काटने पर बैक्टीरिया की चपेट में आ जाते हैं।
इस बीमारी ब्यूबोनिक प्लेग की बात की जाए तो, इस बीमारी से पीड़ित को शरीर के लिम्फ नोड्स में सूजन की स्थिति बनती हैं। इसके अलावा पीड़ित को बगल, कमर और गर्दन में अंडे जितनी बड़ी गांठें हो सकती हैं, जिनमें से मवाद निकलने की स्थिति भी बनती है। इसके अलावा और भी लक्षण देखने के लिए मिलते हैं..
सिरदर्द
ठंड लगना
अचानक तेज बुखार
पेट, हाथ और पैर में दर्द
इस बीमारी ब्यूबोनिक प्लेग की बात की जाए तो, यह एक प्रकार की जूनोटिक बीमारी कहलाती है। जहां पर बिल्लियां विशेष रूप से प्लेग की चपेट में बीमार चूहों को खाने से संक्रमित होती है। इसकी चपेट में आने से इंसानों को इसका खतरा होने की संभावना हो सकती है।
इस बीमारी ब्यूबोनिक प्लेग की बात की जाए तो, इस बीमारी का सबसे बड़ा खतरा 14वीं सदी में देखा गया था। जहां पर इस महामारी से 25 मिलियन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। उस दौरान यात्रियों के साथ जहाजों पर चूहे भी चले जाते थे, जो अपने साथ टिक्स यानी पिस्सू और महामारी लेकर आते थे। चूंकि प्लेग से संक्रमित ज्यादातर लोगों की मौत हो गई थी। उस दौरान इस प्लेग से हुई मौतों को ब्लैक डेथ का नाम दिया गया।
इस ब्यूबोनिक बीमारी से बचने के लिए आपको कई बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है, जो इस प्रकार है…
1- अपने पालतू जानवरों के लिए टिक्स कंट्रोल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें, जो किसी ना किसी जगह पर घूमते रहते है।
2- अपने घर के आसपास चूहे या जंगली जानवरों को रहने से रोकें। इनमें कब संक्रमण है इसकी जानकारी हमें नहीं होती है।
3- बाहर या खुले में घूमने वाले पालतू जानवरों को अपने बिस्तर य़ा आसपास नहीं आने दें इससे संक्रमण का खतरा फैलता है।
4- बीमार पालतू जानवरों को कोई लक्षण नजर आए तो तुरंत पशुचिकित्सक के पास ले जाए।
5- अगर आप ऐसे स्थानों पर जाते हैं, जो आपको टिक्स के संपर्क में ला सकते हैं, तो EET या पर्मेथ्रिन युक्त इंसेक्ट रीपैलेंट का उपयोग करते रहें।