सीमा कुमारी
नवभारत डिजिटल टीम: सनातन और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए ‘रोहिणी व्रत’ (Rohini Vrat 2023) का बड़ा महत्व है। यह पर्व हर महीने मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो 27 नक्षत्र हैं। इनमें एक नक्षत्र रोहिणी है। यह नक्षत्र हर महीने के 27 वें दिन पड़ता है। इस बार अक्टूबर महीने का ‘रोहिणी व्रत’ आज यानी बुधवार, 04 अक्टूबर 2023 बुधवार के दिन है।
ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन वासुपूज्य स्वामी की पूजा-उपासना की जाती है। वहीं, वासुपूज्य स्वामी के निमित्त व्रत उपवास भी रखा जाता है। विवाहित महिलाएं अखंड सुहाग और पति की लंबी आयु के लिए रोहिणी व्रत करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि ‘रोहिणी व्रत’ का फल वट सावित्री के समतुल्य होता है। इस व्रत को महिला और पुरुष दोनों कर सकते हैं। आइए जानें व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व-
रोहिणी व्रत अक्टूबर में
बुधवार, 4 अक्टूबर 2023
रोहिणी व्रत प्रारंभ: 3 अक्टूबर 2023 रात्रि 10:22 बजे
रोहिणी व्रत समाप्त: 4 अक्टूबर 2023 रात्रि 10:44 बजे
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए और घर की साफ सफाई भी अच्छे से कर लेनी चाहिए।
इसके बाद सभी नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर घर की साफ-सफाई करनी चाहिए।
गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें और फिर व्रत का संकल्प लें।
आमचन कर अपने आप को शुद्ध करें।
पहले सूर्य भगवान को जल का अर्घ्य दें। इस व्रत के दौरान जैन धर्म में रात का भोजन करने की मनाही होती है।
फलाहार सूर्यास्त से पूर्व कर लेना चाहिए।
जैन धर्म के अनुयायियों के लिए ‘रोहिणी व्रत’ (Rohini Vrat 2023) का बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि, रोहिणी व्रत करने से साधक पर भगवान वासुपूज्य स्वामी की कृपा बरसती है। उनकी कृपा और आशीर्वाद से साधक के जीवन में व्याप्त सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। कालांतर से इस व्रत को करने का विधान है। रोहिणी व्रत के दिन महिलाएं परम पूज्य भगवान वासुपूज्य स्वामी की पूजा और व्रत उपवास करती हैं। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है।