-सीमा कुमारी
इस साल ‘अहोई अष्टमी’ (Ahoi Ashtami) का व्रत 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को है। इस दिन हिन्दू माताएं संतान के सुखी और आरोग्य जीवन, शिक्षा, करियर, कारोबार और उसके पारिवारिक जीवन की बाधाएं को दूर करने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और ‘अहोई माता’ की पूजा-अर्चना भी करती हैं। ‘अहोई अष्टमी’ व्रत की महिमा का जितना भी वर्णन किया जाय कम है। इस दिन किए उपाय आपकी हर मुश्किल दूर कर सकते हैं।
ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, जिन लोगों की कोई संतान नहीं है, वे ‘अहोई अष्टमी’ के दिन कुछ उपाय करके अपनी मनोकामना पूरी कर सकते हैं। अहोई माता और गणेश जी की असीम कृपा आप पर हो सकती है। आइए जानें ‘अहोई अष्टमी’ व्रत के नियम और उपाय –
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, ‘अहोई अष्टमी’ की रात तारों को अर्घ्य देने के लिए पीतल के लोटे या स्टील के बर्तन का प्रयोग कर सकते हैं। पूजा के समय अहोई माता की आरती और अहोई अष्टमी व्रत की कथा अवश्य सुनें। इन नियमों के पालन से आपकी संतान से जुडी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
कहते हैं कि, नि:संतान दंपत्ति को ‘अहोई अष्टमी’ के दिन गणेश जी को बेलपत्र अर्पित करें और ‘ओम पार्वतीप्रियनंदनाय नम:’ मंत्र का 11 माला जप करें। ‘अहोई अष्टमी’ से 45 दिन तक यह लगातार करना होता है।
ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, संतान-सुख की प्राप्ति के लिए अहोई माता की पूजा के बाद भगवान शिव और माता पार्वती को दूध और भात का भोग लगाएं। साथ ही उस दिन बने खाने का आधा भाग गाय के भी लिए निकाल दें। फिर शाम के समय पीपल पर दीपक जलाकर उसकी परिक्रमा करें। ऐसा करने से अहोई माता की आप पर कृपा बरसेगी।
‘अहोई अष्टमी’ के दिन पूजा के दौरान अहोई माता को सफेद फूल अर्पित करें और संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। साथ ही घर में जितने सदस्य हों, उतने पौधे लगाएं और उनके बीच एक छोटा सा तुलसी का पौधा भी लगाएं। साथ सांयकाल के समय सितारों से प्रार्थना करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्द पूरी हो सकती है |
इन सामान्य ज्योतिष उपायों को अपनाकर आप अपनी मुरादें पूरी कर सकते हैं।