ओरल सनस्क्रीन (सोशल मीडिया)
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: गर्मी का मौसम जहां पर जारी है वहीं पर इस मौसम में खुद का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है वहीं पर सूरज की यूवी किरणों से चेहरा झुलस जाता है जिसे सनस्क्रीन लगाकर बचाव कर सकते है। इस मौसम में वैसे तो कई सारे स्प्रे, लोशन और क्रीम का इस्तेमाल होता है लेकिन अगर इसमें स्किन काली पड़ ना जाए इसके लिए आज हम आपको ओरल सनस्क्रीन का इस्तेमाल के बारे में बता रहे है जिसे चेहरे पर लगाते नहीं खाते है।
जानिए क्या होता है ओरल सनस्क्रीन
आजकल मार्केट में नया ट्रेंड ओरल सनस्क्रीन का चल रहा है जिसमें सनस्क्रीन को आप शरीर पर लगाते नहीं है बल्कि इसे खाने से चेहरे पर सूरज की यूवी किरणों से बचाव मिलता है। यहां पर ओरल सनस्क्रीन को टैबलेट के रूप में सेवन करना सही होता है जो एक सप्लीमेंट होता है जो शरीर को अंदर औऱ बाहर दोनों तरीके से पूरे शरीर में सूरज की हानिकारिक किरणों से बचाती है।ये ब्लड में एब्जॉर्ब हो जाती है जिसके बाद स्किन को यूवी किरणों से बचाती है. ट्रॉपिकल फर्न की पत्तियों के अर्क से ओरल सनस्क्रीन को बनाया जाता है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में पॉलीपोडियम ल्यूकाटोमोस (PL) कहते हैं।
ओरल सनस्क्रीन का कैसे करें इस्तेमाल
यहां पर आप ओरल सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने के लिए यह तरीका अपना सकते है। इसकी पीएल को सूर्य के संपर्क में आने से 30 मिनट पहले खाना चाहिए. नियमित धूप में रहने वाले दिन में 2 कैप्सूल लेने चाहिए. इसे हर रोज लेना चाहिए। बताया जा रहा है कि, ओरल सनस्क्रीन उपयोग यूरोप, अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों में 20 वर्षों से अधिक समय से बिना किसी साइड इफेक्ट के किया जा रहा है. हालांकि इस पर सीमित रिसर्च हैं ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर ही इसे लेना जरूरी होता है।