श्रीगणेश जी का जन्म (सौ.डिजाइन फोटो)
देश में इन दिनों गणेशोत्सव का दौर चल रहा है जहां पर घर औऱ पंडालों में स्थापित गणेश जी की प्रतिमा का पूजन कर आरती पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में गणेश जी के जन्म से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं मिलती है और उनके साथ जगहों का रहस्य भी जुड़ा होता है। भगवान श्रीगणेशजी के जन्म की कथा को तो आप जान गए लेकिन क्या आपको पता हैं गणेश जी के जन्म का संबंध एक झील से था। जिसे आज भगवान जी की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है। चलिए जानते हैं इसके बारे में।
श्रीगणेश जी की जन्मस्थली उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित खूबसूरत झील डोडीताल मानी गई है। यहां पर बप्पा का जन्म हुआ था इस झील से बप्पा का संबंध मिलता है। डोडीताल झील की बात करें तो, इसकी समुद्रतल से 3,310 मीटर की ऊंचाई है। इस समुद्रतल के पास गणेशजी का मंदिर स्थापित है तो वहीं पर इसका अनसुलझा रहस्य है जिसके बारे में हर कोई नहीं जानता। मंदिर की बात करें तो, यहां भगवान गणेश अपनी माता पार्वती के साथ विराजमान हैं तो वहीं पर यहां पार्वती माता की पूजा अन्नपूर्णा के रूप में होती हैं। श्रद्धालु यहां मां अन्नपूर्णा और भगवान गणेश की पूजा के लिए आते हैं। यहां के लोगों का मानना है कि, भगवान गणपति डोडीताल के अन्नपूर्णा मंदिर मे अपनी माता के साथ आज भी निवास करते हैं और लोगों की आस्था इस जगह से जुड़ी हुई है।
शिवपुराण में भगवान गणेशजी के जन्म को लेकर उल्लेख मिलता है। पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने एक बार अपने शरीर पर मैल हटाने के लिए हल्दी लगाई थी. इसके बाद जब उन्होंने हल्दी उबटन उतारी तो उससे एक पुतला बना दिया और फिर उसमें प्राण डाल दिए. इस तरह भगवान गणपति का जन्म हुआ था। जिसके बाद से भगवान श्रीगणेश जी का जन्म माना जाता है।
श्रीगणेश जी का जन्म (सौ.डिजाइन फोटो)
वैसे तो इस डोडीताल झील को ताजे मीठे पानी का पर्वतीय झील कहा गया है वहीं पर 3,657 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इतना ही नहीं, इस जगह से अस्सी गंगा नदी निकलती है और जो आगे भागीरथी नदी में मिल जाती है इतना ही नहीं, इसका संगम गंगोरी में मिलता है। कहा जाता हैं कि, डोडीताल इलाके की यह षट्कोणीय झील की लंबाई डेढ़ किलोमीटर तक है लेकिन गहराई को लेकर आज भी सटीक जानकारी नहीं मिलती है। इसे नापने के लिए कई वैज्ञानिकों को नाकाम कोशिशें हाथ लगी। गहराई का यह रहस्य आज भी अनसुलझा है जिसे कोई समझ नहीं पाया है।