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नौकरी और व्यापार में कामयाबी के लिए रविवार के दिन ‘इस’ विशेष स्तोत्र का करें नियमित पाठ

  • By navabharat
Updated On: May 28, 2024 | 12:12 PM
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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: भगवान भास्कर को समर्पित रविवार का दिन सनातन धर्म में बड़ा महत्व रखता है। सूर्य देव नवग्रहों के राजा, आरोग्य, बुद्धि, यश व समृद्धि के देवता कहलाते है। कहा जाता है कि कलयुगी संसार में सूर्य देव एकमात्र ऐसे देवता हैं, जो साक्षात दिखाई पड़ते  है। सूर्य देव की उपासना करने और अर्घ्य देने से व्यक्ति को समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है।

ज्योतिषों की मानें तो करियर और कारोबार में उन्नति के लिए कुंडली में सूर्य का मजबूत होना जरूरी है। जिन जातकों का सूर्य मजबूत होता है। उन्हें जल्द नौकरी मिल जाती है। सूर्य पिता और आत्मा के कारक माने जाते हैं। इसके लिए पिता जी की सेवा करनी चाहिए। वहीं, रोजाना सूर्य देव को जल में लाल रंग मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। अगर आप भी सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं, तो रविवार के दिन पूजा के समय सूर्य अष्टकम स्तोत्र का पाठ जरूर करें। सूर्य मजबूत करने के लिए रोजाना सूर्य अष्टकम स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। आइए ‘अष्टकम स्तोत्र’ का पाठ करें-

अष्टकम स्तोत्र का पाठ

श्री सूर्य अष्टकम स्तोत्र लिरिक्स

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर ।

दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥1॥

 

सप्ताश्व रथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम् ।

श्वेत पद्माधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥2॥

 

लोहितं रथमारूढं सर्वलोक पितामहम् ।

महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥3॥

 

त्रैगुण्यश्च महाशूरं ब्रह्माविष्णु महेश्वरम् ।

महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥4॥

 

बृहितं तेजः पुञ्ज च वायु आकाशमेव च ।

प्रभुत्वं सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥5॥

 

बन्धूकपुष्पसङ्काशं हारकुण्डलभूषितम् ।

एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥6॥

 

तं सूर्यं लोककर्तारं महा तेजः प्रदीपनम् ।

महापाप हरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥7॥

 

तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानप्रकाशमोक्षदम् ।

महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥8॥

 

सूर्याष्टकं पठेन्नित्यं ग्रहपीडा प्रणाशनम् ।

अपुत्रो लभते पुत्रं दारिद्रो धनवान् भवेत् ॥9॥

 

अमिषं मधुपानं च यः करोति रवेर्दिने ।

सप्तजन्मभवेत् रोगि जन्मजन्म दरिद्रता ॥10॥

 

स्त्री-तैल-मधु-मांसानि ये त्यजन्ति रवेर्दिने ।

न व्याधि शोक दारिद्र्यं सूर्य लोकं च गच्छति ॥11॥

 

सूर्य मंत्र का जाप करें

 

1. एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।

   अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर।।

 

2. शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।

   विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।

लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।

For success in job and business do regular recitation of this special psalm on sunday

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Published On: May 07, 2023 | 06:30 AM

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