सीमा कुमारी
नवभारत डिजिटल डेस्क: मौजूदा समय में खराब और अनहेल्दी डाइट की वजह से ‘हाई कोलेस्ट्रॉल’ (High cholesterol) के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कोलेस्ट्रॉल मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, ‘गुड’ और ‘बैड’ कोलेस्ट्रॉल। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) के बढ़ने से दिल संबंधित रोगों (Heart Diseases) के होने का खतरा बढ़ जाता है।
वैसे, शरीर के कई कार्यों को पूरा करने के लिए कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) पर्याप्त मात्रा में होना बेहद जरूरी है। क्योंकि,’कोलेस्ट्रॉल’ विटामिन D, सेल्स, कई तरह के हार्मोन के निर्माण में भी मदद करता है।
कई बार अनहेल्दी डाइट, हैबिट्स, अधिक अनहेल्दी फैट के सेवन से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है, जो हार्ट डिजीज (Heart Diseases) का कारण हो सकता है। ऐसे में डाइट में उन फलों को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है जिनमें वासोडिलेटर (vasodilator) गुण है जैसे कि सीताफल (Custard Apple benefits)। ये हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ दिल को कई बीमारियों से बचा सकता है। आइए जानें इस बारे में विस्तार से।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ‘सीताफल’ (Custard Apple) में पोटेशियम और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। मैग्नीशियम, हृदय की चिकनी मांसपेशियों को आराम देती है, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे से बचाव होता है। पोटैशियम ब्लड वेसेल्स को खोलता है और ब्लड सर्कुलेशन को सही करके ब्लॉकेज के खतरे को रोकता है। तो, इन तमाम कारणों से आपको इस फल का सेवन जरूर करना चाहिए। कम से कम दिल के मरीज तो रोजाना इसे जरूर खाएं।
इसके अलावा, ये इन्हें धमनियों से चिपकने से रोकता है और दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है। इसके अलावा ये मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है और फैट पचाने की गति को तेज करता है जिससे ये शरीर में जमा होकर बीमारियों का कारण न बन सकें।
जानकारों के अनुसार, सीताफल वासोडिलेटर्स गुणों से भरपूर है, जिसके सेवन से रक्त वाहिकाओं को खोलती हैं, जिन्हें डाइलेट भी कहा जाता है। वासोडिलेटर धमनियों और नसों की दीवारों में मांसपेशियों को हेल्दी रखते हैं और कोलेस्ट्ऱॉल के कणों से इन्हें बचाते हैं। ये मांसपेशियों को कसने और दीवारों को सिकुड़ने से रोकते हैं और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाकर दिल की बीमारियों को रोकते हैं। इससे ब्लॉकेज का खतरा कम होता है।