उत्तर प्रदेश शक्तिपीठ (सौ. सोशल मीडिया)
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरू हो रही है। नौ दिनों के इस पर्व में देवी मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान देश-विदेश के माता के मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है। भारत की में कई राज्यों में शक्तिपीठ हैं जहां पर मां का आर्शीवाद लेने जा सकते हैं। लेकिन अगर आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं तो नवरात्रि के खास पर्व पर मां के शक्तिपीठ के दर्शन करने जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में यहां माता सती की मणिकर्णिका गिरी थी। जिसकी वजह से यहां विशालाक्षी और मणिकर्णी स्वरूप की पूजा की जाती है।
नवरात्रि पर माता ललिता देवी शक्तिपीठ के दर्शन करने जा सकते हैं। प्रयागराज में यहां माता सती के हाथ की अंगुलि गिरी थी। जिसकी वजह से यह मंदिर माता ललिता के नाम से जानी जाती है।
इस जगह पर माता सीता का दायां स्तन गिरा था। जिसकी वजह से यह जगह माता शिवानी के रुप में पूजी जाती हैं। शिवपुराण में इसे शिवानी शक्तिपीठ के रुप में जाना जाता है। माता रानी यहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
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उत्तर प्रदेश में स्थित इस शक्तिपीठ को कात्यायनी शक्तिपीठ के नाम से भी जानी जाती है। यहां माता के बाल के गुच्छ और चूड़ामणि गिरे थे। नवरात्रि के अवसर पर परिवार के साथ इस शक्तिपीठ के दर्शन करने का प्लान जरूर बनाएं।
यहां माता का बायां स्कंध गिरा था। इस जगह शक्तिपीठ में माता मातेश्वरी के रुप में विराजमान हैं। यह प्रसिद्ध मंदिर तुलसीपुर में स्थित है जहां नवरात्रि के समय काफी भीड़ देखी जा सकती है।
शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर आप उत्तर प्रदेश के शक्तिपीठ में दर्शन करने जा सकते हैं। यहां पर नवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है। सभी लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मां के दर्शन करने आते हैं। वहीं, कुछ लोग मां का धन्यवाद करने भी आते हैं।