Uttar Pradesh Assembly Last Day: उत्तर प्रदेश विधानसभा में आरक्षण के मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। सदन में नेता सदन ने घोषणा की कि राज्य सरकार अब सरकारी नौकरियों के साथ-साथ आउटसोर्सिंग और संविदा भर्तियों में भी आरक्षण की प्रक्रिया को पूरी तरह लागू करने जा रही है, जिसका कैबिनेट फैसला ले चुकी है। उन्होंने पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार पर 2008 के शासनादेश को लागू न करने और आरक्षण का लाभ केवल एक जाति विशेष तक सीमित रखने का आरोप लगाया।
सरकार ने स्पष्ट किया कि वे 27% ओबीसी, 21% एससी, 2% एसटी और 10% सामान्य वर्ग के गरीबों (EWS) के आरक्षण को सुरक्षित रखने की गारंटी देते हैं। चर्चा के दौरान 69,000 शिक्षक भर्ती का भी उल्लेख हुआ, जिसे सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण चर्चा से बाहर बताया। विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार ने आरोप लगाया कि ‘सपा के एजेंट’ फर्जी विज्ञापनों के जरिए भ्रम फैला रहे हैं, जिनकी जांच की जा रही है। सरकार ने दावा किया कि अब नियुक्तियां बिना किसी रिश्वत के केवल प्रतिभा के आधार पर हो रही हैं और आरक्षण के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
Uttar Pradesh Assembly Last Day: उत्तर प्रदेश विधानसभा में आरक्षण के मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। सदन में नेता सदन ने घोषणा की कि राज्य सरकार अब सरकारी नौकरियों के साथ-साथ आउटसोर्सिंग और संविदा भर्तियों में भी आरक्षण की प्रक्रिया को पूरी तरह लागू करने जा रही है, जिसका कैबिनेट फैसला ले चुकी है। उन्होंने पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार पर 2008 के शासनादेश को लागू न करने और आरक्षण का लाभ केवल एक जाति विशेष तक सीमित रखने का आरोप लगाया।
सरकार ने स्पष्ट किया कि वे 27% ओबीसी, 21% एससी, 2% एसटी और 10% सामान्य वर्ग के गरीबों (EWS) के आरक्षण को सुरक्षित रखने की गारंटी देते हैं। चर्चा के दौरान 69,000 शिक्षक भर्ती का भी उल्लेख हुआ, जिसे सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण चर्चा से बाहर बताया। विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार ने आरोप लगाया कि ‘सपा के एजेंट’ फर्जी विज्ञापनों के जरिए भ्रम फैला रहे हैं, जिनकी जांच की जा रही है। सरकार ने दावा किया कि अब नियुक्तियां बिना किसी रिश्वत के केवल प्रतिभा के आधार पर हो रही हैं और आरक्षण के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।