शाइना एनसी और संजय राउत (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: औरंगजेब पर की गई टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र में सियासी घमासान शुरू है। इस बीच संजय राउत भी अपनी बयानबाजियों से सुर्खियों में रहे है। लेकिन इस बार संजय राउत और असदुद्दीन ओवैसी के बयानों का शिवसेना नेता शाइना एनसी ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। शिवसेना नेता शाइना एनसी ने संजय राउत पर जोरदार हमला बोला है।
संजय राउत हर सुबह बड़बड़ करते है उनकी बातों को कोई ध्यान में नहीं लेता। जब वे बात करते है औरंगजेब के बारे में वो बिल्कुल सही है। औरंगजेब एक क्रूर शासक थे और ये वो पार्टी है जो हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा खो बैठे और तुष्टीकरण की राजनीति कर बैठे है। सिर्फ सत्ता के लिए कोई भी हद तक गए है। संजय राउत को क्रैश कोर्स चाहिए इतिहास और पब्लिक स्पीकिंग में।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के बयानों पर शाइना एनसी (शिवसेना) ने कहा, “संजय राउत को कोई गंभीरता से नहीं लेता। शिवसेना (यूबीटी) ने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को खो दिया, तुष्टीकरण की राजनीति की और सत्ता पाने के लिए सबसे निचले स्तर पर गिर गई। संजय राउत को इतिहास और सार्वजनिक भाषण में क्रैश कोर्स की जरूरत है। एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद साबित कर दिया कि उनकी पार्टी असली शिवसेना है।”
#WATCH | Mumbai, Maharashtra | On Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut's statements, Shaina NC (Shiv Sena) says, "… No one takes Sanjay Raut seriously. Shiv Sena (UBT) lost the ideology of Balasaheb Thackeray, indulged in politics of appeasement, and stooped to the lowest level, to… pic.twitter.com/61pw94Sisk — ANI (@ANI) March 15, 2025
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शाइना एनसी ने कहा कि संजय राउत जब भी एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी करते है वो और ताकतवर बनते है। संजय राउत के पास शायद कोई खुफिया एजेंसी है, जहां वे बड़बड़ करते है लेकिन बेबुनियाद आरोप लगाने के पहले हमारे नेता एकनाथ शिंदे के ऊपर टिप्पणी करते है तब वे ज्यादा ताकतवर बनते है। शिंदे जब निकले तो असली शिवसेना के 40 नेताओं के साथ यहां भी ताकत दिखाई है। और आज हमारे पास 60 विधायक है, जो बहुत बड़ी उपलब्धि है। अगली बार से टिप्पणी करने से पहले पढ़ों, समझो और फिर बोलो।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर शिवसेना नेता शाइना एनसी ने कहा, “असदुद्दीन ओवैसी को भारत के इतिहास के बारे में पढ़ना चाहिए और वीर सावरकर की भूमिका को समझना चाहिए। जब वह औरंगजेब के बारे में बयान देते हैं, तो मैं ओवैसी से मजाहिर-ए-आलमगिरी पढ़ने का आग्रह करती हूं, जिसमें क्रूर शासक और मुगल सल्तनत के दैनिक मामलों का विवरण है। तभी वह समझ पाएंगे कि क्या कहना है, क्यों कहना है और हर भारतीय नागरिक के सामने खुद को कैसे पेश करना है।”