भारत ने UNHRC में पाकिस्तान को दिया करारा जवाब, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Pakistan exposed Kashmir issue: जिनेवा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 60वें सत्र में भारत ने पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए साफ कहा कि उसे जम्मू-कश्मीर के अवैध कब्जे वाले इलाकों को खाली करने की सलाह दी। दरअसल, भारत पर झूठे और भड़काऊ आरोप लगाने की कोशिश कर रहे पाकिस्तानी राजनयिक को भारतीय प्रतिनिधि क्षितिज त्यागी ने करारा जवाब दिया। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद फैलाने और मानवाधिकारों के लगातार उल्लंघन के लिए कठघरे में खड़ा किया।
भारतीय प्रतिनिधि क्षितिज त्यागी ने खैबर पख्तूनख्वा में आम नागरिकों पर पाकिस्तानी सेना के हमलों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान को सबसे पहले अपनी डूबती हुई अर्थव्यवस्था को संभालने की चिंता करनी चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि शायद जब पाकिस्तान अपने ही लोगों पर बम बरसाने से बाज आएगा, तब वह सुधार की ओर ध्यान दे पाएगा। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी पाकिस्तान को आगाह किया कि वह अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों को खाली करे। साथ ही यह भी साफ कर दिया कि पाकिस्तान का इतिहास मानवाधिकार हनन और अत्याचारों से भरा है और अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी दोहरी नीति पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है।
At the 60th Session of the Human Rights Council, Kshitij Tyagi, Counsellor, Permanent Mission of India, Geneva, said, "…A delegation that epitomises the antithesis of this approach continues to abuse this forum with baseless and provocative statements against India. Instead of… pic.twitter.com/Os4Sipx7Jg — ANI (@ANI) September 23, 2025
त्यागी ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक ऐसा प्रतिनिधिमंडल, जिसका नजरिया पूरी तरह विपरीत है, वह भारत के खिलाफ बेबुनियाद और भड़काने वाले आरोप लगाकर इस मंच का गलत इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने पाकिस्तान पर तीखा वार करते हुए कहा कि भारत की जमीन पर नजरें गड़ाने के बजाय उसे अपने अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र से पीछे हटना चाहिए और उस अर्थव्यवस्था को संभालने पर ध्यान देना चाहिए, जो इस समय “लाइफ सपोर्ट” पर टिकी हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को आवश्यक है कि वह अपनी सेना के दबदबे को समाप्त कर दे और अपने यहां मानवीय स्थिति में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाए क्योंकि वर्तमान हालात उत्पीड़न और अधिकारों के उल्लंघन के दाग से ग्रस्त हैं। विशेष रूप से यह जरूरी है कि वह उन नीतियों और कार्यों पर पुनर्विचार करे जिनसे आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है, जिनमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और समूहों को शरण देना शामिल है। साथ ही, अपनी ही नागरिक आबादी पर सैन्य कार्रवाई और बमबारी जैसी गतिविधियों को रोकना आवश्यक है, जो न केवल कई निर्दोष जानें ले रही हैं बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय विश्वास को भी प्रभावित कर रही हैं।
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खैबर पख्तूनख्वा की तिराह घाटी में हुई एयरफोर्स की बमबारी ने इलाके को हिलाकर रख दिया है महिलाओं और बच्चों सहित लगभग 30 नागरिक मारे गए। अब उजड़े हुए घर और खून से सने संकरी गलियां पाकिस्तानी सेना के इस हमले की साक्षी बन चुकी हैं। बता दें कि स्थानीय लोग इस हमले को लेकर दूसरे दिन भी सड़कों पर उतर आए। इस दौरान खैबर पख्तूनख्वा असेंबली के सदस्य अब्दुल गनी अफरीदी भी उनके साथ थे। अफरीदी ने कहा, “अब और खामोशी बर्दाश्त नहीं होगी। मासूमों के खून का हिसाब पूछा जाएगा और न्याय मिलने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।”