मंत्री कोकाटे, सांसद सुप्रीया सुले (pic credit; social media)
Manikrao Kokate: कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे के रमी खेलने वाले वीडियो ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इसके बाद कोकाटे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘सरकार को भिखारी’ कहने का बयान दिया, जिससे विवाद और भी बढ़ गया। सुप्रिया सुले ने इस बयान की कड़ी आलोचना करते हुए इसे महाराष्ट्र का अपमान बताया है। उन्होंने कोकाटे के इस्तीफे की भी मांग की है।
सुप्रिया सुले ही नहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी माणिकराव कोकाटे को फटकार लगाई थी। इन घटनाओं के बाद, माणिकराव कोकाटे ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपना पक्ष रखा। कोकाटे ने कहा कि अगर वे दोषी पाए गए तो वे स्वयं राज्यपाल को मंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में माणिकराव कोकाटे ने और भी विवादास्पद टिप्पणी की। इससे विपक्ष को एक और मौका मिल गया। माणिकराव कोकाटे ने अनजाने में सरकार को भिखारी कह दिया है। इससे कई लोगों की भौहें तन गई हैं। कुछ महीने पहले, फसल बीमा योजना पर माणिकराव कोकाटे ने किसानों के बारे में एक विवादास्पद बयान दिया था, “एक भिखारी भी एक रुपया नहीं लेता और हम एक रुपये में फसल बीमा देते हैं।
यह भी पढ़ें – चारों ओर से घिरे कृषी मंत्री कोकाटे, क्या कहा पत्रपरिषद में, कब देंगे इस्तीफा…
माणिकराव कोकाटे ने कहा था, “लोगों ने इसका फ़ायदा उठाने की कोशिश की।” उनके इस बयान से विवाद खड़ा हो गया था। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में माणिकराव कोकाटे से इस बयान के बारे में सवाल पूछा गया, जिसका जवाब देते हुए माणिकराव कोकाटे ने एक बार फिर गलत बात कह दी।
सरकार किसानों से एक रुपया लेती है। हम किसानों को एक रुपया नहीं देते। सरकार किसानों से एक रुपया लेती है। भिखारी कौन है? सरकार है। किसान नहीं। खैर, नाम का मतलब भी उलटा हो गया है। माणिकराव कोकाटे ने कहा, एक रुपया बहुत छोटी कीमत है। एक रुपये के बीमा के कारण महाराष्ट्र में साढ़े पांच लाख फर्जी आवेदन पाए गए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद चंद्र पवार की पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने माणिकराव कोकाटे के बयान की आलोचना की है।सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि संयुक्त महाराष्ट्र के संघर्ष में 105 शहीदों के बलिदान से निर्मित महाराष्ट्र का पावन कलश स्वर्गीय यशवंतराव चव्हाण साहब द्वारा लाया गया था।
महाराष्ट्र को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए उसके बाद के शासकों और राज्य की जनता ने कड़ी मेहनत की। उस राज्य को ‘भिखारी’ कहना असंवेदनशीलता का परिचय है। सुप्रिया सुले ने कहा, यह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के लोगों की कड़ी मेहनत का अपमान है। हम इस अपमान को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
दूसरी ओर, इस राज्य ने कभी भी ऐसा कृषि मंत्री नहीं देखा जिसने किसानों के प्रति इतना असंवेदनशील व्यवहार किया हो, जबकि उनके सामने कई गंभीर मुद्दे थे। उन्होंने विधानसभा में मोबाइल पर रमी भी खेली और सबको परेशान कर दिया। उम्मीद थी कि आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में वे खेद जताएंगे और इस्तीफा देंगे। बजाय इसके वे राज्य से भीख मांगने की पराकाष्ठा पर पहुंच गए हैं। हम उनकी निंदा करते हैं।
सुप्रिया सुले ने कहा कि हम सीएम फडणवीस से मांग करते हैं कि वे वर्तमान कृषि मंत्री का इस्तीफा लें। यह पद किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जाए जो कृषि और किसानों के प्रति संवेदनशील हो।