हिमंता बिस्वा सरमा (सोर्स-सोशल मीडिया)
देवघर : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को झारखंड विधानसभा चुनाव के संदर्भ में बयान दिया कि यह चुनाव राज्य में ‘सनातन’ संस्कृति की रक्षा के लिए है। उन्होंने यह टिप्पणी देवघर जिले में भाजपा उम्मीदवार रणधीर सिंह के समर्थन में आयोजित एक चुनावी रैली में की, जहां रणधीर सिंह ने सारठ विधानसभा क्षेत्र से अपने नामांकन पत्र भरे हैं।
भाजपा के झारखंड चुनाव सह-प्रभारी शर्मा ने संथाल परगना क्षेत्र में जनसंख्या के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए दावा किया कि 1951 में यहां हिंदू आबादी 90 प्रतिशत थी, जो 2011 में घटकर 67 प्रतिशत रह गई। उन्होंने कहा कि संथाल परगना क्षेत्र में साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़, दुमका, देवघर और जामताड़ा के छह जिले शामिल हैं।
उन्होंने आगे कहा, “यह चुनाव झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) या कांग्रेस के खिलाफ नहीं, बल्कि झारखंड में सनातन को बचाने के लिए है।” शर्मा ने 1951 की जनगणना का हवाला देते हुए बताया कि उस समय कुल जनसंख्या 26 लाख थी, जिसमें लगभग 90 प्रतिशत हिंदू थे।
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हिमंत बिस्वा सरमा ने चेतावनी दी कि आगामी जनगणना में हिंदू आबादी घटकर 60 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या बढ़ रही है, जो आदिवासी लड़कियों से शादी कर रहे हैं और स्थानीय जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं।
उन्होंने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाया कि वह इन घुसपैठियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। शर्मा ने आश्वासन दिया कि यदि भाजपा सत्ता में आई, तो राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू किया जाएगा और घुसपैठियों को राज्य से बाहर निकाला जाएगा।
भाजपा सरकार बनने पर 2.87 लाख सरकारी रिक्तियां भरने और 1.5 लाख नई नौकरियां देने का भी उन्होंने वादा किया। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 21 लाख घरों का निर्माण करने की योजना का उल्लेख किया। झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होंगे, और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
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