मणिपुर में नई सरकार के गठन को लेकर अटकलें (असेंबली फोटो -सोशल मीडिया)
Manipur Violence News: लंबे समय से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस महीने होने वाले संभावित दौरे से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और बीजेपी के कई विधायकों ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की है। इस मुलाकात के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन खत्म कर नई सरकार के गठन की अटकलें तेज हो गई हैं, जिससे शांति बहाली की एक नई उम्मीद जगी है।
यह महत्वपूर्ण बैठक ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13 सितंबर के आसपास मणिपुर आने की संभावना है। मई 2023 में हिंसा भड़कने के बाद यह उनका पहला मणिपुर दौरा होगा। हालांकि बैठक के एजेंडे का आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों और राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर गहन चर्चा हुई। इस बैठक में मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल और डीजीपी राजीव सिंह समेत राज्य के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा मिजोरम में बैराबी-सैरंग रेलवे लाइन का उद्घाटन करने के बाद हो सकता है, जहां से वह सीधे इंफाल पहुंच सकते हैं। मई 2023 से मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच चल रही जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री का दौरा न केवल शांति बहाली के प्रयासों को बल देगा, बल्कि यह राज्य के लोगों में विश्वास जगाने का भी एक बड़ा माध्यम बन सकता है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड की तबाही का जायजा लेने आज पहुंचेगी केंद्र की टीम, 5700 करोड़ के पैकेज पर नजर
इसी बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी मणिपुर में शांति की उम्मीद जताई है। संघ ने गृह मंत्रालय और कुकी संगठनों के बीच हुए हालिया समझौते का स्वागत किया है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि इस समझौते के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग-2 का खुलना एक अच्छा और स्वागत योग्य संकेत है। उन्होंने कहा कि संघ और उससे जुड़े संगठन लगातार दोनों समुदायों के बीच बातचीत के जरिए सौहार्द बनाने का प्रयास कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही राज्य में पूरी तरह से शांति कायम होगी। अब सभी की निगाहें प्रधानमंत्री के दौरे और उसके बाद होने वाले राजनीतिक घटनाक्रम पर टिकी हैं।