कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में थोड़ी बहुत खुशी के वजह मिलने के बाद से लगातार कांग्रेस को झटके पर झटके लगते जा रहे हैं। पहले हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हार को सामना करना पड़ा तो बाद में दिल्ली में ‘जीरो’ के जिन ने साथ नहीं छोड़ा। इसके साथ ही अब दिग्गज नेताओं की नाराजगी परेशानी का सबस और बन गई है। दक्षिण में शशि थरूर कांग्रेस के आकाश विलुप्त होना चाह रहे हैं तो उत्तर में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ‘हाथ’ छोड़ने वाले हैं!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को सुनील जाखड़ के पोते की शादी के रिसेप्शन में शामिल हुए थे। हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की थी। रिसेप्शन का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें पीएम मोदी और हुड्डा एक-दूसरे का हालचाल पूछते नजर आ रहे हैं। इसको लेकर पूर्व सीएम हुड्डा ने सफाई दी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के बाद क्या हुआ। भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ के पोते के रिसेप्शन में जब हुड्डा से पूछा गया कि भाई आजकल कहां हो? कभी मुझसे आकर मिल लिया करो। इसके बाद वह थोड़ा आगे बढ़कर रोहतक के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा से हाथ मिलाते हैं और कहते हैं अरे जूनियर हुड्डा आप यहां खड़े हैं। कल आपकी बहुत याद आई।
इस मामले पर जब चंडीगढ़ में भूपेंद्र सिंह हुड्डा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, उसके बाद क्या हुआ। शादी थी, सभी मिलते हैं। उन्होंने मुझे नहीं बुलाया है। मेरे पास एक व्यक्ति खड़ा था, उसे बुलाया गया है। उसने समय मांगा था, अश्वनी कुमार मेरे पास खड़े थे, उन्हें बुलाया गया है। जब वे 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे तो हम रोज मिलते थे। सम्मेलनों में मिलते थे। अरे ये लोकतंत्र है, हमारा विरोध राजनीतिक है, कोई व्यक्तिगत विरोध नहीं है।
जुलाना नगर पालिका चुनाव में प्रचार करने आए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को भाजपा में शामिल होने का ऑफर तक दे दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति में सभी संभावनाएं खुली हैं। अगर हुड्डा भाजपा में शामिल होना चाहते हैं तो हो सकते हैं। राजनीति में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता।
आपको बता दें कि पिछले साल हरियाणा में चुनाव हुए थे और भाजपा ने यहां लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की थी। भाजपा को 48 सीटें मिली थीं और कांग्रेस महज 37 सीटों पर सिमट गई थी। यहां कांग्रेस की हार का कारण भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा के बीच तनातनी को माना गया था। इस वजह से कांग्रेस आलाकमान हुड्डा से नाराज भी हुआ। जिसकी बानगी दिल्ली चुनाव में बी देखने को मिली। पार्टी ने यहां स्टार प्रचारकों की सूची में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को जगह नहीं दी, जबकि कुमारी सैलजा मंचों पर नज़र आईं।
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ये वो वजहे हैं जिनकी वजह से यह माना जा रहा है कि भूपेन्द्र हुड्डा कांग्रेस का हाथ छोड़कार बीजेपी का दामन थामने वाले हैं। अगर यह अटकलें सही साबित हुईं तो हरियाणा में कांग्रेस का काम लगभग तमाम हो जाएगा। क्योंकि हरियाणा की सियासत में हुड्डा फैमिली की अच्छी खासी धाक मानी जाती है और वह प्रदेश कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरों में शामिल हैं।