
पीएम मोदी, अधीर रंजन चौधरी (Image- Social Media)
Adhir Ranjan Chowdhury News: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर देश के अलग-अलग हिस्सों, विशेष रूप से भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषी लोगों पर हो रहे कथित हमलों का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा को बढ़ा सकती हैं।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में चौधरी ने कहा कि बंगाली बोलने वाले प्रवासी मजदूरों का एकमात्र “दोष” यह है कि वे बंगाली भाषा में बात करते हैं, जिसे कई स्थानों पर प्रशासन गलत तरीके से पड़ोसी देश बांग्लादेश से आया अवैध घुसपैठिया मान लेता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी भ्रम के कारण बंगाली भाषी लोगों को परेशान किया जा रहा है और उन्हें उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है।
चौधरी ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि पश्चिम बंगाल के कई इलाके मुस्लिम बहुल हैं और उनकी सीमा बांग्लादेश से लगती है। देश के अन्य राज्यों में बंगाली भाषी लोगों के खिलाफ हो रही कार्रवाइयों की वजह से इन सीमावर्ती क्षेत्रों में भी समुदायों के बीच तनाव बढ़ रहा है। उन्होंने आगाह किया कि समय रहते हालात नहीं संभाले गए तो राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है।
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वे सभी राज्य सरकारों को संवेदनशील बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करें, ताकि देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रवासी मजदूरों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव, हिंसा या उत्पीड़न न हो। चौधरी ने जोर देते हुए कहा कि भारत की विविधता उसकी सबसे बड़ी ताकत है और भाषा या क्षेत्र के आधार पर किसी नागरिक के साथ अन्याय स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इस बीच हाल की घटनाओं ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर इलाके के रहने वाले 30 वर्षीय प्रवासी मजदूर ज्वेल राणा की ओडिशा के संबलपुर में ‘बीड़ी’ को लेकर हुए विवाद के बाद कथित तौर पर हत्या कर दी गई। इसी तरह मुंबई में भी दो प्रवासी मजदूरों को बांग्लादेश के अवैध अप्रवासी होने के संदेह में गिरफ्तार किए जाने के मामले सामने आए हैं।
वहीं पश्चिम बंगाल प्रवासी कल्याण बोर्ड का दावा है कि पिछले 10 महीनों में देश के विभिन्न हिस्सों से बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न से जुड़ी 1,143 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से ज्यादातर मामले भाजपा शासित राज्यों से संबंधित बताए गए हैं।
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कांग्रेस ने इन घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। पार्टी ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और देश में कहीं भी किसी नागरिक के साथ भाषा या पहचान के आधार पर भेदभाव न किया जाए।






