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नवभारत डिजिटल डेस्क : आज यानी 7 मई की देर रात 1.5 बजे भारत ने पाकिस्तान में घुसकर 9 आंतकी ठिकानों को पूरी तरह से मिट्टी में मिला दिया है। भारत ने एक बार फिर से विश्व को ये संदेश दिया है कि हिंदुस्तान की तरफ गलत नजर से देखने वालों की आंखे फोड़ दी जाएगी और शत्रुओं को उनकी भाषा में ही जवाब दिया जाएगा।
एक बार फिर भारतीय सेना ने आतंकियों को पनाह देने वाले देश पाकिस्तान को उसकी ही धरती पर मिट्टी में मिलाने का काम किया है। एयर स्ट्राइक की बात करें तो सेना ने बुधवार को सिलसिलेवार तरीके से एक पीसी में बताया कि कैसे 25 मिनट में 9 आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया। आपको तो पता है कि इस ऑपरेशन को सेना ने ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर का असली जेम्स बॉन्ड कौन है? इसके लिए पढ़ते जाइए इस आर्टिकल को अंत तक।
सबसे पहले तो आपको ये बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर नाम के पीछे की वजह पहलगाम में हुआ आतंकी हमला है। जिस तरह से 22 अप्रैल को कश्मीर घाटी में आतंकियों ने उनका ‘धर्म’ पूछकर 26 बेगुनाह लोगों की हत्या की थी और उनके पत्नियों से कहा था कि जओ मोदी को बता देना। इसी लिए इस ऑपरेशन का नाम देश की उन बेटियों के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने अपना सिंदूर यानी अपने पति पहलगाम में हुए आतंकी हमलों में खो दिए थे।
लेकिन इस मुश्किल ऑपरेशन की कमान उस शख्स के हाथ में था, जिसे लोग संकटमोचन कहते हैं। जी हां, आपने सही समझा, हम बात कर रहे हैं एनएसए अजीत डोभाल की, जो पहलगाम हमले के बाद सिर्फ तीन बार मीडिया के कैमरों में कैद हुए थे। पहलगाम हमले के बाद डोभाल ऑपरेशन सिंदूर की तैयारी कर रहे थे।
अजीत डोभाल की पहली तस्वीर 23 अप्रैल की सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर दिखी, जहां वे पीएम मोदी को रिसीव करने पहुंचे थे। आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी ने अपना सऊदी अरब दौरा बीच में ही छोड़ दिया था। एयरपोर्ट पर ही पीएम मोदी ने अजीत डोभाल से मुलाकात की थी।
इसके बाद पिछले शुक्रवार और रविवार को दो बार डोभाल मीडिया के कैमरों में दिखे जब उन्होंने पीएम मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। किसी को अंदाजा नहीं था कि 7 मई की आधी रात अजीत डोभाल अपनी स्पेशल टीम के साथ पाकिस्तान के घर में घुसकर उसकी छाती को लहूलुहान कर देंगे, वो भी तब जब पाकिस्तान गहरी नींद में होगा।
आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि महज 25 मिनट में आतंकियों का खात्मा करने वाले डोभाल को ‘भारत का जेम्स बॉन्ड’ कहा जाता है और इतना ही नहीं उन्हें पीएम मोदी का ‘मिस्टर भरोसेमंद’ के नाम से भी जाना जाता है। 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में जन्मे अजीत डोभाल 1968 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं।
25 मिनट, 9 टेरर कैंप और 70 से ज्यादा आतंकवादी ढेर… जानिए ऑपरेशन सिंदुर को कैसे दिया गया अंजाम
अजीत डोभाल ने 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और साल 2019 के एयर स्ट्राइक की सफल योजना में भी योगदान दिया था। उस समय उन्होंने रणनीतिक योजना, खुफिया इनपुट और लक्षित स्थानों की पहचान करके दोनों हमलों को सफलतापूर्वक अंजाम देने का काम किया था।