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नई दिल्ली : जतीय जनगणना की मांग विपक्षी दल लंबे समय से कर रहे थे। ऐसे में अब केंद्र सरकार ने भी जातीय जनगणना कराने कै फैसला ले लिया है। इस जातीय जनगणना को आगामी जनगणना के साथ ही कराया जाएगा। जातीय जनगणना के ऐलान होते ही राजनीतिक दलों के बीच इसे लेकर क्रेडिट वॉर शुरू हो गया।
एक ओर जहां विपक्ष इस फैसले को अपनी जीत बता रहा है, तो सत्तापक्ष इसे मोदी सरकार की दूरदर्शिता कह रहा है। इन सब के बीच सी वोटर ने एक सर्वे किया है, जिसमें लोगों से इस विषय पर अलग-अलग सवाल पूछे गए और इस सर्वे में भाग लिए लोगों ने बता दिया कि जातीय जनगणना का असली हीरो कौन है?
सी वोटर सर्वे के जब लोगों से पूछा गया कि क्या वो जातीय जनगणना का समर्थन करते हैं तो इस पर 74 प्रतिशत लोगों ने हां में जवाब दिया था। जबकि इस सर्वे में भाग लिए केवल 13 प्रतिशत लोगों ने इसका विरोध किया है। इससे साफ पता लगता है कि जातीय जनगणना को ज्यादातर सपोर्ट करते हैं।
जब इस सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या वे अपनी जाति बताने को तैयार हैं, तो 63 प्रतिशत लोगों ने हां में जवाब दिया। जबकि, सिर्फ 6 प्रतिशत लोगों ने ही अपनी जाति बताने से मना किया। इस सर्वे में 18 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वे अपनी जाति तभी बताएंगे जब इसकी जरुरत पड़ेगी।
सी वोटर के इस नए सर्वे के दौरा यह भी सवाल किया गया कि जातीय जनगणना से किसे फायदा होगा, तो इस सवाल पर 16 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इससे अनुसूचित जाति (SC) को सबसे अधिक फायदा होने वाला है। 8 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अनुसूचित जनजाति (ST) को फायदा होगा वहीं 14 प्रतिशत लोगों ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को लाभार्थी बताया, जबकि इस सर्वे में हिस्सा लिए 12 प्रतिशत लोगों का मानना था कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को फायदा होगा। कुल मिलाकर, सी वोटर के इस सर्वे में हिस्सा लिए 36 प्रतिशत लोगों का मानना है कि जातीय जनगणना से सभी समुदायों को लाभ मिलेगा।
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जातीय जनगणना का क्रेडिट किसे मिलना चाहिए, इस सवाल का जवाब देते हुए सर्वेक्षण में 43 प्रतिशित उत्तरदाताओं ने इस पहल का श्रेय मौजूदा मोदी सरकार को दिया, वहीं 33 प्रतिशत लोगों का मानना था कि जातीय जनगणना के असली नाायक राहुल गांधी हैं।