वैज्ञानिक रिसर्च को और भी प्रगति देने के लिए लद्दाख में एशिया की सबसे बड़ी इमेजिंग दूरबीन का उद्घानट किया गया।
नई दिल्ली: पीएम मोदी के कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 115वें एपिसोड का आज यानी रविवार को प्रसारण किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब आत्मनिर्भर भारत अभियान एक जन-आंदोलन बनता जा रहा है। उन्होंने कहा इसी महीने हमने लद्दाख के हान्ले में एशिया के सबसे बड़े ‘इमेजिंग टेलीस्कोप MACE’ का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि यह 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ये एक ऐसी जगह है जहां ठंड -30 डिग्री से भी कम है, जहां ऑक्सीजन तक की कमी है, हमारे वैज्ञानिकों और स्थानीय उद्योग ने वो कर दिखाया है जो एशिया के किसी और देश ने नहीं किया। पीएम मोदी ने कहा कि हमें ये आत्मनिर्भर भारत की ताकत भी दिखा रहा है। आइए जानते हैं क्या है इमेजिंग टेलिस्कोप MACE।
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बता दें कि वैज्ञानिक रिसर्च को और भी प्रगति देने के लिए लद्दाख में एशिया की सबसे बड़ी इमेजिंग दूरबीन का उद्घानट किया गया। बता दें कि इस दूरबीन का नाम मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरिमेंट (MACE) है। DAE यानी परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव अजीत कुमार मोहंती ने लद्दाख के हानले में इसी महीने एशिया की सबसे बड़ी इमेजिंग चेरेनकोव दूरबीन का उद्घाटन किया।
इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
बता दें कि इस दूरबीन की मदद से अब वैज्ञानिक रिसर्च में और भी प्रगति होगी तथा इस दूरबीन को मुंबई स्थित BARC ने इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) और अन्य भारतीय उद्योग भागीदारों की सहायता से बनाया है और इसको पूरे स्वदेशी तरीके से बनाया गया है।
आपको बता दें कि 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दुनिया में अपनी तरह की सबसे ऊंची दूरबीन है जिससे अब वैज्ञानिक रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। DAE के सचिव अजीत कुमार मोहंती ने कहा कि ‘MACE वेधशाला भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है तथा यह देश को वैश्विक स्तर पर कॉस्मिक-रे अनुसंधान में सबसे आगे रखती है।
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