Exit Poll
नई दिल्ली: साल 2024 में कई चुनाव हुए। लोकसभा चुनाव से लेकर कई राज्यों में विधानसभा चुनाव और उपचुनाव तक। हाल में दो चरण में झारखंड चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ ही 15 राज्यों के 50 सीटों पर उप चुनाव भी हुए। बीते दिन यानी 20 नवंबर को हुए वोटिंग के बाद से एग्जिट पोल आने शुरू हो गए। आइये जानते हैं क्या होता है एग्जिट पोल और इसे किया कैसे जाता है।
एग्जिट का सीधा सा मतलब होता है बाहर निकलना। पोल का मतलब होता है मतदान केंद्र। अब एग्जिट पोल का मतलब हुआ मतदाताओं का मतदान करके वोटिंग पोल से बाहर आना। यानी कि जब मतदाता चुनाव में वोट देकर बूथ से बाहर निकलता है तो उससे पूछा जाता है कि क्या आप बताना चाहेंगे कि आपने किस पार्टी या किस उम्मीदवार को वोट दिया है।
एग्जिट पोल से आंकड़े निकलते कैसे हैं
दरअसल, एग्जिट पोल कराने वाली एजेंसियां अपने लोगों को पोलिंग बूथ के बाहर खड़ा कर देती हैं। जैसे-जैसे मतदाता वोट देकर बाहर आते हैं, उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसे वोट दिया। इसके साथ ही कुछ और सवाल भी पूछे जा सकते हैं, जैसे कि प्रधानमंत्री पद के लिए आपका पसंदीदा उम्मीदवार कौन है आदि।
ये है तरीका
अमूमन एक पोलिंग बूथ पर हर दसवें मतदाता से या फिर अगर पोलिंग स्टेशन बड़ा है तो हर बीसवें मतदाता से सवाल पूछा जाता है। मतदाताओं से मिली जानकारी का विश्लेषण करते हैं और अनुमान लगाने की कोशिश की जाती है कि चुनावी नतीजे क्या होंगे।
एग्जिट पोल कराने वाली भारत की ये प्रमुख एजेंसियां
एग्जिट पोल कराने वाली भारत में कई प्रमुख एजेंसियां हैं। जिनमें से सी-वोटर, Axis माई इंडिया, CNX भारत की कुछ प्रमुख एजेंसिया हैं। हालांकि चुनाव के समय कई नई-नई एग्जिट पोल की कंपनियां भी आती हैं जो जिनकी उम्र चुनाव के खत्म तक ही रहती है।
Exit Poll से जुड़े नियम कानून
रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल्स एक्ट, 1951 के सेक्शन 126ए के तहत एग्जिट पोल को नियंत्रित किया जाता है। भारत में चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल को लेकर कुछ नियम बनाए हैं। इन नियमों का उद्देश्य ये होता है कि किसी भी तरह से चुनाव को प्रभावित न होने दिया जाए।
चुनाव आयोग समय-समय पर एग्जिट पोल को लेकर दिशा निर्देश जारी करता है। इसमें यह बताया जाता है कि एग्जिट पोल करने का क्या तरीका होना चाहिए। एक आम नियम यह है कि एग्जिट पोल के नतीजों को मतदान के दिन ब्रॉडकास्ट यानी जारी नहीं किया जा सकता है।
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चुनावी प्रक्रिया शुरू होने से लेकर अंतिम चरण के मतदान खत्म होने के आधे घंटे बाद तक एग्जिट पोल को ब्रॉडकास्ट नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा एग्जिट पोल के परिणामों को मतदान के बाद ब्रॉडकास्ट करने के लिए सर्वेक्षण एजेंसियों को चुनाव आयोग से इजाजत लेनी होती है।