सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर।
Tharoor Absent from Congress Meet: आज से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले यानी 30 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई हाई पावर स्ट्रैटेजी ग्रुप की बैठक में फिर तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर नदारद रहे। कुछ दिनों में कांग्रेस की लगातार दूसरी बड़ी बैठक थी, जिसमें थरूर गैर हाजिर रहे। इससे पार्टी के अंदरूनी गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह महज संयोग है या कुछ और। शशि थरूर द्वारा पार्टी छोड़ने की तैयारी की अटकलों ने फिर बाजार गर्म कर दिया है।
दरअसल, पिछले हफ्ते ही सैम पित्रोदा विवाद और SIR मुद्दे पर बुलाई गई कांग्रेस आलाकमान की बैठक से शशि थरूर ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर दूरी बनाई थी। ठीक एक दिन पहले वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में मौजूद थे और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनकी तारीफ की थी। थरूर के इस पोस्ट ने कांग्रेस खेमे में नाराजगी पैदा की थी।
30 नवंबर की बैठक से थरूर के गैरहाजिर रहने पर उनके कार्यालय ने कहा कि सांसद तिरुवनंतपुरम के अपने पैतृक घर में 90 वर्षीया मां की देखभाल और निकाय चुनावों के प्रचार में व्यस्त हैं। उल्लेखनीय है कि निकाय चुनावों की तैयारी और प्रचार का हवाला देकर कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी 30 नवंबर की मीटिंग में शामिल होने दिल्ली नहीं पहुंच सके। बता दें, केरल में निकाय चुनाव 9 और 11 दिसंबर को होने हैं।
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थरूर का मोदी सरकार के प्रति बार-बार नरम रुख और पार्टी लाइन से अलग बयानबाजी पहले से कांग्रेस के लिए असहजता का कारण बनी है। हाल में उन्होंने कई मौकों पर सरकार की विदेश नीति, अर्थव्यवस्था और कुछ विधेयकों की तारीफ की है। इसे कांग्रेस उनका निजी मत बताती रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हर किसी को निजी और क्षेत्रीय जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं, लेकिन जब संसद सत्र से पहले रणनीति बैठकों से आप गैरहाजिर रहें तो गलत संदेश जाता है। कार्यकर्ता और दूसरे सांसद इसे नोटिस कर रहे।