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राम मंदिर निर्माण के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से आईं ये खास चीजें

  • By वैष्णवी वंजारी
Updated On: Jan 22, 2024 | 12:39 PM
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नई दिल्ली: आज वो क्षण आ ही गया जिसका इंतजार पूरा देश कर रहा था। अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में प्राण प्रतिष्ठा समोर हो गया है। ऐसे में आज हम आपको देश के सभी अलग-अलग राज्यों से आये प्रभु राम के भेटों के बारे में बताने जा रहे है। आइए जानते है, देश के अलग-अलग राज्य से राम लला के लिए क्या क्या आया है। 

राजस्थान से आया मार्बल 

भगवान राम लला के मंदिर बनाने में देश के सभी राज्यों का योगदान रहा है। जहां इस मदिर के निर्माण के लिए महाराष्ट्र से लड़कियां आई है, वही राजस्थान के नागौर से आये  मकराना का इस्तेमाल हुआ है। जी हां आपको बता दें कि राम मंदिर को इस खूबसूरत तरीके से बनाने के लिए मकराना के मार्बल का इस्तेमाल हुआ है। इसी से राम मंदिर के गर्भगृह में सिंहासन बनाया गया है। 

गुजरात से आई ये खास भेटवस्तू 

आज कुछ मिनटों बाद में इस सिंहासन पर भगवान राज विराजेंगे। जानकारी के लिए आपको बता दें कि भगवान श्रीराम के सिंहासन पर सोने की परत चढ़ाई गई है। मंदिर में देवताओं की नक्काशी कर्नाटक के चर्मोथी बलुआ पत्थर पर की गई है। इसके अलावा प्रवेश द्वार की भव्य आकृतियों में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के गुलाबी बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। वहीं गुजरात की तरफ से 2100 किलोग्राम की अष्टधातु से बनी घंटी दी गई है। 

कर्नाटक से आया पत्थर 

तालों का शहर कहे जाने वाले अलीगढ़ से एक दंपति द्वारा दुनिया का सबसे बड़ा ताला भगवान राम लला के मंदिर में भेट स्वरूप दिया गया है। वही इस मंदिर बनाने में गुरजट का भी अहम योगदान रहा है। बता दें कि गुजरात के अखिल भारतीय दरबार समाज द्वारा 700 किलोग्राम का रथ भी उपहार स्वरूप दिया गया है। वही कर्नाटक से भगवान श्रीराम की मूर्ति बनाने के लिए काला पत्थर दिया गया है।

मंदिर पर लगे जो खूबसूरत द्वार आप देख रहे है वह अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा से आये है। जी हां  नक्काशीदार लकड़ी के दरवाजे और हाथों से बनीं फैब्रिक्स अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा से आई हैं। मंदिर के उपयोग में आने वाले पीतल के बर्तन उत्तर प्रदेश से आए हैं।  जबकि पॉलिश की हुई सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र से आई है। मंदिर निर्माण के लिए इस्तेमाल ईंट करीब 5 लाख गांवों से आई थीं। मंदिर के निर्माण की कहानी अब अनगिनत शिल्पकारों और कारीगरों की कहानी है, जिनके नाम अब इतिहास में दर्ज हो जाएंगे। 

महाराष्ट्र से आया कुमकुम

अमरावती जिले से कुमकुम लेकर एक आध्यात्मिक गुरु उत्तर प्रदेश के अयोध्या पहुंच गए हैं, जहां सोमवार को यानी आज, नवनिर्मित मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। एक स्थानीय धार्मिक निकाय के प्रतिनिधि ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अमरावती से अयोध्या जा रहा, 500 किलोग्राम कुमकुम की पत्तियों से लदा एक वाहन भी रास्ते में है। 

अमरावती में केसरी धर्म समाज के अध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने कहा कि आध्यात्मिक गुरु राजेश्वर मौली कुमकुम युक्त चांदी के कलश के साथ उत्तर प्रदेश के पवित्र शहर में पहुंच गए हैं। कुमकुम की पत्तियों का भारत में गहरा सामाजिक और धार्मिक महत्व है। राम मंदिर में बहुप्रतीक्षित प्राण प्रतिष्ठा समारोह सोमवार को अयोध्या में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी हिस्सा लेंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर एक बजे तक समाप्त होने की उम्मीद है। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यक्रम स्थल पर संतों और प्रमुख हस्तियों सहित 7,000 से अधिक लोगों की एक सभा को संबोधित करेंगे। 

These special things came from different states of the country for the construction of ram temple

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Published On: Jan 22, 2024 | 12:39 PM

Topics:  

  • Ayodhya
  • Ayodhya Ram Mandir
  • Ram Mandir

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