मद्रास हाईकोर्ट ने अजित कुमार की मौत को लेकर सख्त टिप्पणी की
चेन्नई: तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में एक मंदिर गार्ड की पुलिस कस्टडी में मौत के मामले ने राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। मद्रास हाईकोर्ट ने अजित कुमार की मौत को लेकर सख्त टिप्पणी करते हुए इसे ‘राज्य द्वारा की गई हत्या’ बताया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अजित के शरीर पर 44 चोटों के निशान पाए गए हैं। कोर्ट ने घटना को क्रूर और अमानवीय बताते हुए इसकी CBI जांच की सिफारिश की है।
अजित कुमार को 27 जून को एक चोरी के मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। 28 जून को उसकी तबीयत बिगड़ी और इलाज के दौरान मौत हो गई। वायरल वीडियो में पुलिसवालों को सादा कपड़ों में अजित को पीटते हुए देखा गया। 30 जून को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हुआ कि अजित को बेहद बेरहमी से मारा गया था। उसके शरीर पर मिर्च पाउडर तक डाला गया था। हाईकोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया।
‘साक्ष्य क्यों नहीं जुटाए गए?’ कोर्ट की सख्त फटकार
जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने कहा कि तमिलनाडु जैसे शिक्षित राज्य में ऐसी घटना शर्मनाक है। उन्होंने सवाल उठाया कि पुलिस ने मारपीट के स्थान से खून और पेशाब के सैंपल क्यों नहीं लिए। अदालत ने सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने और जांच जज को सौंपने का आदेश दिया। कोर्ट ने विशेष जांच दल के गठन, सबूतों की सुरक्षा और पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा देने पर भी सवाल उठाए।
मृतक अजित मंदिर में सुरक्षा कर्मी था
5 पुलिसकर्मी गिरफ्तार, SP पर भी गिरी गाज
शिवगंगा एसपी आशीष रावत को पद से हटा दिया गया है। थिरुप्पुवनम थाने की स्पेशल यूनिट के छह पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं, जिनमें से पांच को गिरफ्तार कर 15 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। तमिलनाडु सरकार ने मामले की जांच CBI को सौंपने पर सहमति जताई है। हाईकोर्ट ने जस्टिस जॉन सुंदरलाल सुरेश के नेतृत्व में न्यायिक जांच के आदेश भी दिए हैं।
यह भी पढ़ें: गैंगरेप को बताया छोटी-मोटी घटना, संवेदनहीन टिप्पणी पर सफाई से नहीं थमा गुस्सा
बता दें मामले में जस्टिस सुब्रमण्यम ने कहा इसकी सीबीआई जांच शुरू की जानी चाहिए। गैरकानूनी मौत के मामले में शामिल उच्च पदस्थ अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इस पर राज्य सरकार ने कहा कि जांच सीबीआई को सौंपने पर कोई आपत्ति नहीं है। जस्टिस ने कहा- राज्य सरकार लिखित में अपना रुख बताए। कोर्ट ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जॉन सुंदरलाल सुरेश के नेतृत्व में न्यायिक जांच के आदेश दिए।