भारत-नेपाल सैन्य अभ्यास, फोटो- सोशल मीडिया
India-Nepal Military Exercise: भारत और नेपाल आज यानी मंगलवार से 8 दिसंबर तक उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में सालाना बाइलेटरल मिलिट्री एक्सरसाइज ‘सूर्यकिरण’ का 19वां एडिशन आयोजित कर रहे हैं। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य जंगली इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों में काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशन के लिए ऑपरेशनल तालमेल और इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ाना है।
इंडियन आर्मी के अनुसार, नेपाल आर्मी के साथ इस एक्सरसाइज का मकसद जंगल में लड़ाई (जंगल युद्ध) और पहाड़ी इलाकों में काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशन करने में ऑपरेशनल तालमेल को मजबूत करना है। यह अभ्यास दोनों देशों की सीमा सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस बार इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने के लिए खास टेक्नोलॉजी को परिचालन प्रक्रियाओं में शामिल करने पर भी फोकस किया जा रहा है। इसका उद्देश्य बेस्ट प्रैक्टिस शेयर करना है, जो ग्लोबल शांति और सुरक्षा के लिए भारत और नेपाल के साझा कमिटमेंट को दिखाता है। यह वार्षिक ट्रेनिंग इवेंट दोनों देशों में बारी-बारी से होता है, जिससे दोनों सेनाओं के बीच डिफेंस कोऑपरेशन, दोस्ती और आपसी भरोसे को और गहरा किया जाता है।
पिछला, यानी 18वां संस्करण, नेपाल के सलझंडी में 31 दिसंबर, 2024 से 13 जनवरी, 2025 तक आयोजित किया गया था। उस दौरान इंडियन आर्मी की 334 जवानों वाली टुकड़ी ने हिस्सा लिया था। 18वें एडिशन में ऑपरेशनल तैयारी, एविएशन से जुड़े पहलुओं, मेडिकल ट्रेनिंग और पर्यावरण बचाने पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया था। इन एक्टिविटीज के जरिए, सैनिकों ने अपनी ऑपरेशनल क्षमताओं को बढ़ाया और मुश्किल हालात में एक साथ काम करने के लिए अपने तालमेल को मजबूत किया।
विदेश मंत्रालय (एमईए) के मुताबिक, भारत और नेपाल के बीच डिफेंस और सिक्योरिटी के क्षेत्र में लंबे समय से और बड़े पैमाने पर आपसी फायदे वाला सहयोग है। दोनों सेनाओं के बीच आपसी भरोसे और सम्मान पर आधारित एक बहुत अच्छा रिश्ता है।
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भारतीय सेना ने नेपाल आर्मी के जवानों को अलग-अलग तरह के डिफेंस स्टोर देकर और रेगुलर ट्रेनिंग प्रदान करके नेपाल आर्मी के मॉडर्नाइजेशन और कैपेबिलिटी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा, भारतीय सेना नेपाल में मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) ऑपरेशन में भी सबसे आगे रही है, खासकर 2015 के भूकंप और कोविड-19 महामारी के दौरान।