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कॉलेज में बुर्का बैन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई आंशिक रोक, पूछा- तिलक-बिंदी पर क्यों नहीं लगाया प्रतिबंध

मुंबई के एक कॉलेज में हिजाब पर बैन से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेज के परिपत्र पर आंशिक रूप से रोक लगा दी है। इस परिपत्र में कॉलेज परिसर में ‘हिजाब, बुर्का और नकाब' पहनने पर पाबंदी लगाई गई थी।

  • By रीना पंवार
Updated On: Aug 09, 2024 | 04:25 PM

(सौजन्य सोशल मीडिया)

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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज हिजाब पर बैन से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए मुंबई के एक कॉलेज के उस परिपत्र पर आंशिक रूप से रोक लगा दी है, जिसमें कॉलेज परिसर में ‘हिजाब, बुर्का और नकाब’ पहनने पर पाबंदी लगाई गई थी। शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि छात्राओं को यह चयन करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह क्या पहनें।

इस मामले में सुनलाई करने हुए शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि शैक्षिक संस्थान छात्राओं पर अपनी पसंद को नहीं थोप सकते। इस मामले को लेकर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने ‘एन जी आचार्य और डी के मराठे कॉलेज’ चलाने वाली ‘चेंबूर ट्रॉम्बे एजुकेशन सोसाइटी’ को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें 18 नवंबर तक जवाब तलब करने को कहा है।

‘तिलक-बिंदी पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया’

पीठ ने मुस्लिम छात्राओं के लिए ‘ड्रेस कोड’ को लेकर उत्पन्न विवाद से केंद्र में आए कॉलेज प्रशासन से कहा कि छात्राओं को यह चयन करने की आजादी होनी चाहिए कि वे क्या पहनें। इसके लिए कॉलेज उन पर दबाव नहीं डाल सकता। कोर्ट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपको (कॉलेज प्रशासन ) अचानक पता चलता है कि देश में कई धर्म हैं। पीठ ने कहा कि अगर कॉलेज का इरादा छात्राओं की धार्मिक आस्था के प्रदर्शन पर रोक लगाना था, तो उसने ‘तिलक’ और ‘बिंदी’ पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया।

नहीं दी कक्षा के अंदर बुर्का पहनने की अनुमति

कोर्ट ने एजुकेशनल सोसायटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील माधवी दीवान से पूछा कि क्या छात्राओं के नाम से उनकी धार्मिक पहचान उजागर नहीं होती? हालांकि, पीठ ने यह भी कहा कि छात्राओं को कक्षा के अंदर बुर्का पहनने की अनुमति नहीं दी जा सकती और न ही परिसर में किसी भी धार्मिक गतिविधि की अनुमति दी जा सकती है। पीठ ने कहा कि उसके अंतरिम आदेश का किसी के द्वारा दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए और किसी भी दुरुपयोग के मामले में ‘एजुकेशनल सोसायटी’ और कॉलेज को अदालत का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता है।

बंबई HC के फैसले को दी गई थी चुनौती

आपको बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट परिसर के अंदर हिजाब, बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध लगाने के कॉलेज के फैसले को बरकरार रखने वाले बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस दौरान जैनब अब्दुल कयूम सहित अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्वेस और वकील अबिहा जैदी ने कहा कि प्रतिबंध के कारण छात्राएं कक्षाओं में शामिल नहीं हो पा रही हैं।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

 

Supreme court stays circular banning wearing of hijab burqa in colleges

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Published On: Aug 09, 2024 | 04:25 PM

Topics:  

  • Bombay High Court
  • Supreme Court

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