सुप्रीम कोर्ट में गोधरा कांड को लेकर होगी अंतिम सुनवाई
नई दिल्ली: वर्ष 2002 में गोधरा कांड संबंधी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने जा रहा है। न्यायालय ने याचिकाओं पर 6 और 7 मई को सुनवाई की तारीख तय की है। गोधरा अग्निकांड में गुजरात सरकार और कई अन्य दोषियों की ओर से दायर याचिकाओं पर कोर्ट अब अंतिम सुनवाई शुरू करेगा।
न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने दोषी व्यक्ति की ओर से दलील पश कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े से कहा कि वह आरोपी के खिलाफ आरोपों का शीर्षकवार विवरण, अदालतों के निष्कर्ष और उनके विरोध में रिकॉर्ड में मौजूद तथ्यों से समर्थित दलीलों के साथ संशोधित दस्तावेज तीन मई तक कोर्ट में पेश कर दें।
सुप्रीम कोर्ट ने अन्य दोषियों और जवाबी याचिका दायर करने वाली गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए वकीलों से भी इसी तर्ज पर संशोधित प्रारंभिक संकलन दाखिल करने को कहा है। न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने आदेश में कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए कम से कम दो सप्ताह की जरूरत होगी। सबसे पहले छह और सात मई को पूरे दिन इस मामले पर सुनवाई की जाएगी और इन तारीखों पर किसी अन्य मामले पर तब तक सुनवाई नहीं होगी जब तक कि ये अदालत विशेष रूप से नहीं कहती है।
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गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी। घटना में 59 लोग मारे गए थे, जिसके बाद राज्य में दंगे भड़क गए थे। इससे पहले राज्य के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि इस मामले में अधीनस्थ अदालत ने 11 दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी और 20 अन्य को उम्रकैद दी थी। वकील ने कहा था कि हाईकोर्ट ने मामले में 31 दोषियों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा था और 11 की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। राज्य ने 11 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने के खिलाफ याचिका दायर की है। कई दोषियों ने मामले में उनकी सजा को बरकरार रखने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।