शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (डिजाइन फोटो)
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार को हुए बर्बर आतंकी हमले में 28 लोगों की जान चली गई। इस भयावह घटना में एक बार फिर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का हाथ सामने आया। जिसके बाद भारत सरकार ने 5 ताबड़तोड़ फैसले लेते हुए पाकिस्तान पर शिकंजा कसा। इन फैसलों में सिंधु जल संधि को रद्द करना सबसे प्रमुख रहा। जिसे लेकर अब शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बड़ा बयान दिया है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद केन्द्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई करते हुए सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया है। इसके साथ ही भारत में पाकिस्तानी उच्चायोगी की संख्या घटा दी है। इतना ही नहीं भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा भी कैंसिल करके सभी पाक नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का फरमान भी सुनाया। इसके अलावा अटारी-वाघा चेकपोस्ट को भी बंद कर दिया गया।
भारत सरकार के इन फैसलों को आतंक के आका पर कड़ा प्रहार माना जा रहा था, लेकिन अब सिंधु जल संधि को लेकर ज्योतिर्मठ पीठ की शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के दावे ने इस सरकार के इस फैसले पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।
दरअसल, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने अपने बयान में कहा है कि “भारत सरकार ने फैसला किया कि सिंधु नदी का जल पाकिस्तान जाने से रोक दिया जाएगा। जिसके बाद हमने पता किया कि सिंधु नदी का जल रोकने की क्या व्यवस्था भारत के पास है? तो पता चला कि सिंधु नदी का जल रोकने की कोई व्यवस्था ही भारत सरकार के पास नहीं है।”
सिंधु नदी का जल पाकिस्तान जाने से रोंकने के लिए कम से कम 20 साल लगेंगे कम से कम :शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
पैसा कितना लगेगा वह तो छोड़ ही दो: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
सिंधु जल रोकने के लिए कोई व्यवस्था ही नहीं है भारत सरकार के पास:… pic.twitter.com/mHvnC2aTzs
— पंकज त्रिवेदी✍️ (@PankajT45013187) April 26, 2025
अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि भारत सरकार अगर सिंधु नदी का जल पाकिस्तान जाने से रोकने की व्यवस्था करना शुरू करे तो कम से कम 20 साल लगेगा। पैसा कितना लगेगा वह तो छोड़ ही दीजिए। 20 साल का समय कम से कम लगेगा तब सिंधु नदी का जल भारत अपने यहां रोक पाएगा।
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ज्योतिर्मठ शंकराचार्य ने कहा कि आप कह दे रहे हैं कि हम सिंधु नदी का जल रोक देंगे…मतलब ऐसे क्या कर रहे हो आप! उन्होंने कहा इसका मतलब है कि जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है। अब शंकराचार्य के इस दावे में कितनी सच्चाई है? इसका जवाब तो आने वाला वक्त ही देगा! लेकिन उनके इस दावे पर विवाद बढ़ना तय माना जा रहा है।