
संभल हिंसा की जांच के लिए पहुंची FSL टीम, घटनास्थल से जुटाए सबूत
संभल : शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हुई हिंसा मामले में जांच तेज हो गई है। इस के लिए आगरा से पहुंची फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) की टीम ने हिंसा वाले इलाकों का दौरा किया। टीम ने बाकायदा हिंसा वाले जगहों को न सिर्फ देखा बल्कि एक-एक चीज पर बारीकी से नजर डाली और टीम फिलहाल संभल में अपनी जांच कर रही है। इस दौरान एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई सहित जिले के आला पुलिस अधिकारी भी टीम के साथ मौजूद रहे।
इससे पहले ASI ने संभल में स्थित प्राचीन कार्तिकेय मंदिर की कार्बन डेटिंग गुपचुप तरीके से पूरी कर ली। यहां कार्बन डेटिंग की प्रोसेसिंग पूरा करने के लिए एक चार सदस्यीय विशेषज्ञ टीम तैनात की गई थी। बता दें संभल पहुंचने से पहले 19 दिसंबर को ASI की टीम ने मुरादाबाद में अपना डेरा डाला था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर को स्थानीय कोर्ट के आदेश पर शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में जान लोगों की मौत हो गई थी और करीब दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। घायलों में पुलिस के जवान भी शामिल थे। पुलिस ने हिंसा मामले में ढाई हजार से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें से अधिकांश अज्ञात हैं। जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद जिया उर रहमान बर्क और संभल के विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल भी शामिल हैं।
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आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा के बाद 14 दिसंबर को पुलिस उस वक्त हैरान रह गई जब दीपा राय इलाके में चेकिंग के समय अचानक एक मंदिर मिल गया जो कि सन 1978 का बताया जा रहा है। ध्यान देने वाली बात यह है कि यह मंदिर 46 सालों से बंद पड़ा था। इसके बाद 15 दिसंबर को मंदिर को खोला गया और वहां पूजा पाठ की गई। इसके बाद वहां कुएं मिलने की जानकारी सामने आई थी, जिसके बाद उसकी खुदाई कराई गई। इसी बीच संभल के और इलाके सरायतरीन में भी मंदिर पाया गया है।






