साध्वी प्रज्ञा ठाकुल व उनके वकील जेपी मिश्रा (फोटो- @ANI)
Theory of Bhagwa Terrorism: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के वकील जेपी मिश्रा ने शनिवार को मालेगांव विस्फोट 2008 मामले में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले से साबित हो गया है कि पूर्व भाजपा सांसद के खिलाफ मामला मनगढ़ंत और राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित था। मिश्रा ने कहा कि इस मामले में शुरू से ही मेरा यही रुख रहा है। साध्वी प्रज्ञा के वकील ने फैसले को संतुलित और अनोखा बताया।
वकील जेपी मिश्रा ने बताया कि जब न्यायालय ने हमारे केस को देखा, तो उसे एहसास हुआ कि दलीलें हम पर थोपे गए एक मनगढ़ंत मामले के खिलाफ निकलीं। उन्होंने कहा कि अदालत ने पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद जांच के आदेश दिए हैं। अदालत ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि विस्फोट में मारे गए लोगों के परिवारों को न्याय मिले। अदालत ने मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने का आदेश दिया।
साध्वी के वकील ने भी भगवा आतंक की कहानी की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले ये सब राजनीतिक कारणों की वजहों से ऐसी कहानी को मढ़ दिया गया था। उन्होंने कहा कि सभी आतंकवादी गतिविधियां एक धर्म विशेष के लोगों द्वारा की जा रही थीं और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। ऐसे में इससे बैलेंस बनाने के लिए, भले ही कोई किसी इस मामले में शामिल न हो, सभी निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। और फिर ऐसे में इन लोगों ने कई आतंकवादी हमलों में हिंदुओं को दोषी ठहराकर भगवा आतंक के दुष्प्रचार को सही साबित करने की कोशिश की।
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मुंबई की एनआईए अदालत ने गुरुवार को 2008 के मालेगांव ब्लास्ट में शामिल सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले में मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा, सुधाकर द्विवेदी और समीर कुलकर्णी समेत सात लोग आरोपी थे। फैसला सुनाते हुए जज अभय लाहोटी ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने यह तो साबित कर दिया कि विस्फोट मालेगांव में हुआ था, लेकिन यह साबित नहीं कर सका कि उस बाइक में बम रखा गया था। मामले में पीड़ित परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि वह सातों लोगों को बरी करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।