CNG and Pipeline Gas | Symbolic Image | Pexels
नई दिल्ली : सरकार ने सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी-डी6 ब्लॉक जैसे गहरे समुद्र वाले कठिन क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतों में मामूली वृद्धि की है। पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार, 1 अक्टूबर 2024 से शुरू होने वाले अगले छह महीनों के लिए यह दर बढ़ाकर 10.16 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश ताप इकाई (MMBTU) कर दी गई है। इससे पहले, अप्रैल से सितंबर 2024 के दौरान यह दर 9.87 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू थी।
इस वृद्धि का मुख्य उद्देश्य हाई प्रेशर हाई टेंपरेचर (HPHT) वाले क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत को अंतरराष्ट्रीय रुझानों के साथ तालमेल बिठाना है। हालांकि, वाहन ईंधन के रूप में इस्तेमाल होने वाली कंप्रेस्ड नैचुरल गैस (CNG) और पाइपलाइन के जरिए आपूर्ति की जाने वाली घरेलू रसोई गैस की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इन ईंधनों के लिए कीमत की सीमा तय कर रखी है, जो बाजार मूल्य से 30 प्रतिशत कम है।
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पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया कि गहरे समुद्र और एचपीएचटी क्षेत्रों से निकलने वाली गैस की कीमत में यह वृद्धि लगातार तीन द्वि-वार्षिक कटौती के बाद की गई है। इन कठिन क्षेत्रों में गैस निकालना तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण होता है, जिससे इसकी उत्पादन लागत अधिक होती है।
सरकार हर छह महीने में स्थानीय रूप से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतें तय करती है, जिनका उपयोग वाहन ईंधन सीएनजी के रूप में, रसोई गैस पीएनजी के रूप में, और बिजली उत्पादन तथा उर्वरक निर्माण के लिए भी किया जाता है। प्राकृतिक गैस की कीमतों में इस मामूली वृद्धि से गहरे समुद्र और कठिन क्षेत्रों से गैस उत्पादन को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
एजेंसी इनपुट के साथ।
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