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नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के आठ पूर्व जवानों के भारत लौटने से उनके परिवारों में खुशी का माहौल है और साथ ही इसे भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है। कतर ने शुरू में आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को मौत की सजा सुनाई, लेकिन फिर अधिकारियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। इस दौरान उन्हें जेल से बाहर निकालने की हर संभव कोशिश की जा रही थी, जो अब सफल हो गई है। जहां इस कूटनीतिक जीत का श्रेय पीएम मोदी को दिया जा रहा है। यह तब संभव हुआ जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने इसमें बेहद अहम भूमिका निभाई।
जानें अजीत डोभाल का रोल
1 दिसंबर 2023 को पीएम मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान पीएम मोदी ने कतर की जेल में बंद 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों की रिहाई पर चर्चा की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उसके बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कतर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर चुके हैं। इन बैठकों में अजीत डोभाल ने जेल में बंद पूर्व नौसेना अधिकारियों की रिहाई के लिए कतरी अधिकारियों पर जोर दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि कतर ने आठ अधिकारियों को रिहा करने का फैसला किया।
जानें क्या था पूरा मामला
निजी कंपनी अल दहरा में काम करने वाले भारतीय नागरिकों को जासूसी के एक कथित मामले में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद पिछले साल 25 मार्च को आठ भारतीय नौसेना कर्मियों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए और उन पर कतरी कानून के तहत मुकदमा चलाया गया। 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने हिरासत में लिए गए पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई। जिसके बाद 28 दिसंबर को वहां की अदालत ने पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सज़ा न देकर अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सज़ा सुनाई।
आतंकियों का समर्थक है कतर
पूरी दुनिया इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है कि कतर आतंकवादी समूहों का सबसे बड़ा समर्थक होने के साथ-साथ आतंकवादी संगठनों का एक बड़ा फाइनेंसर भी है। कतर जिन लोगों की मदद करता है उनमें मुस्लिम ब्रदरहुड, अल नुसरा फ्रंट, हमास, अल कायदा, इस्लामिक स्टेट जैसे संगठनों के नाम शामिल हैं। इसके पीछे उसकी मंशा खुद को इस्लामिक देश में सबसे ताकतवर साबित करना है।
आर्थिक रूप से काफी मजबूत है कतर
कतर आकार में बहुत छोटा देश है, लेकिन इसके पास दुनिया का सबसे बड़ा गैस भंडार है। जो कतर को आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है। कतर की धरती अरबों-खरबों रुपए के गैस भंडार से भरी हुई है। रिपोर्ट्स की मानें तो इसका विदेशी मुद्रा भंडार 64.56 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। यही वजह है कि कोई भी कतर का विरोध नहीं कर सकता, ये गैस भंडार ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।