पशुप्रेमी रतन टाटा (सौ. से नवभारत)
मुंबई : रतन टाटा के निधन के बाद उनसे जुड़े तमाम किस्से लोगों के जेहन में कौंध रहे हैं। आज उनके निधन के बाद लोग उनसे जुड़ी बातों को शेयर कर रहे हैं। रतन टाटा ने न सिर्फ औद्योगिक जगत में अपनी एक खास पहचान बनायी, बल्कि देश और दुनिया के कई का बड़ी हस्तियों व राजनेताओं को भी अपने कार्यशैली का मुरीद बना लिया। इसके अलावा उनके जानवर प्रेम की भी एक अजीबोगरीब कहानी है, जिसके चलते उन्होंने ब्रिटिश रॉयल फैमिली की ओर से दिए जाने वाले लाइवटाइम अचीवमेंट अवार्ड को लेने जाने से मना कर दिया था।
ऐसा कहा जाता है कि रतन टाटा को ब्रिटिश रॉयल फैमिली की ओर से लाइफ टाइम अचीवमेंट का अवार्ड दिया गया था। जिसको लेने के लिए उनको फरवरी 2018 में लंदन जाना था, लेकिन अपने पेट की बीमारी में उसके साथ रहने की प्रतिबद्धता के कारण वहां जाकर अवार्ड लेने से मना कर दिया था।
सुहेल सेठ ने किया खुलासा
भारतीय बिजनेसमैन और एक्टर सुहेल सेठ ने रतन टाटा से जुड़े इस किस्से की जानकारी देते हुए बताया कि यूके के किंग प्रिंस चार्ल्स थर्ड ने उद्योगपति रतन टाटा को उनके सामाजिक कार्य और परोपकार से जुड़े कार्यों में सहयोग के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित करने का एक कार्यक्रम आयोजित किया था। ब्रिटिश एशियाई ट्रस्ट की ओर से बकिंघम पैलेस में आयोजित एक कार्यक्रम में 6 फरवरी 2018 को इस अवार्ड को दिया जाना था।
सुहेल सेठ ने कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रतन टाटा ने अपनी ओर से सहमति भी दे दी थी। लेकिन आखिरी समय में जब उनके पालतू डॉग की तबीयत खराब हो गई तो उन्होंने अपने पालतू पेट के लिए यूके जाने से मना कर दिया। सुहेल सेठ ने बताया कि वह भी इस कार्यक्रम के लिए लंदन गए हुए थे। कार्यक्रम से दो-तीन दिन पहले वह लंदन पहुंचे थे। लेकिन जैसे ही वह लंदन पहुंचे तो उनको रतन टाटा की कई मिस्ड कॉल मिलीं। उन्होंने रतन टाटा को जब पलट कर फोन किया तो उन्होंने कहा कि उनके पेट की तबियत खराब है और वह उसे छोड़कर नहीं आ सकते हैं। इसीलिए लंदन जाने का कार्यक्रम कैंसिल कर दिया है।
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इस कार्यक्रम में शामिल होने ना होने की खबर जैसे ही प्रिंस चार्ल्स को मिली तो उन्होंने रतन टाटा के आदर्श और प्राथमिकताओं की काफी सराहना की और कहा कि वह अपने से जुड़ी चीजों को कितनी अधिक तवज्जो देते हैं। उनसे ये चीज सीखनी चाहिए।
कुत्तों के लिए बनाया अस्पताल
इतना ही नहीं रतन टाटा ने कुत्तों के लिए एक पांच मंजिला अस्पताल में खोला था। उन्होंने अस्पताल के बारे में कहा था कि मैं कुत्तों को अपने परिवार का हिस्सा मिलता हूं। इसलिए उन्होंने अपने घर में कई पेट्स पाल रखे थे। रतन टाटा ने अस्पताल के उद्घाटन के समय कहा था कि मुझे ऐसे अस्पतालों की अहमियत पता है। इसी वजह से वहां 200 पालतू जानवरों का इलाज किए जाने वाले बहुमंजिली इमारत बनवा रखी है।