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‘सूचना-जैविक-वैचारिक युद्ध से निपटने के लिए रहें तैयार’, रक्षा मंत्री ने त्रि-सेवा का दिया फॉर्मूला

Defence Minister Rajnath singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने मिशन सुदर्शन और त्रिसेवा पर चर्चा की।

  • By Saurabh Pal
Updated On: Sep 16, 2025 | 07:16 PM

राजनाथ सिंह

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Defence News: भारत को ‘सुदर्शन चक्र’ मिशन के लिए मध्यम व दीर्घकालीन योजना तैयार करने की आवश्यकता है। मंगलवार को यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कही। रक्षा मंत्री ने तीनों सेनाओं की संयुक्तता पर बल दिया। उन्होंने सेनाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे युद्ध की पारंपरिक अवधारणाओं से आगे बढ़कर अपरंपरागत खतरों- जैसे सूचना युद्ध, वैचारिक युद्ध, इकोलॉजिकल एवं बायोलॉजिकल (जैविक) युद्ध- से निपटने के लिए सतर्क और तैयार रहें।

रक्षा मंत्री ने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य, क्षेत्रीय अस्थिरता और उभरते सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर देश की सुरक्षा प्रणाली का लगातार आकलन और समीक्षा आवश्यक है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को कोलकाता में आयोजित संयुक्त कमांडर्स सम्मेलन 2025 को संबोधित कर रहे थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि युद्ध की प्रकृति निरंतर बदल रही है और हाल के वैश्विक संघर्षों ने यह साबित किया है कि तकनीक-समर्थ सेना आज की आवश्यकता है।

मिशन सुदर्शन चक्र का किया है विजन

राजनाथ सिंह ने कहा “आज के युद्ध इतने अचानक और अप्रत्याशित होते हैं कि उनकी अवधि का पूर्वानुमान लगाना कठिन है। यह दो महीने, एक वर्ष या पांच वर्ष भी चल सकता है। हमें तैयार रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी किसी आपात स्थिति से निपटने की क्षमता पर्याप्त बनी रहे। राजनाथ सिंह ने सेनाओं से आक्रामक एवं रक्षात्मक क्षमताओं के संतुलन के साथ प्रो-एक्टिव दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सुदर्शन चक्र’ के विजन को साकार करने के लिए पांच वर्षीय मध्यम अवधि की योजना और दस वर्षीय दीर्घकालीन योजना तैयार करने की आवश्यकता बताई।

मिशन सुदर्शन की पीएम ने की थी घोषणा

गौरतलब है कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ के तहत स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली विकसित करने की घोषणा की थी। इस प्रणाली का उद्देश्य भारत के सामरिक, नागरिक और राष्ट्रीय महत्त्व के स्थलों को संभावित दुश्मन हमलों से बचाना है। साथ ही इस मिशन के तहत नए हथियार विकसित किए जाने हैं। माना जा रहा है कि भारत की यह नई प्रणाली इजराइल की प्रसिद्ध ‘आयरन डोम’ से भी अधिक उन्नत व शक्तिशाली हो सकती है।

ये भी पढ़ें- विलासिता के बजाय सादगी को महत्व देते हैं PM मोदी, CM फडणवीस ने सुनाया पुराना किस्सा

क्या है त्रि-सेवा जिस पर भारत दे रहा जोर?

सिंह ने कहा कि भारतीय उद्योग को दुनिया में सबसे बड़ा और सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। रक्षा मंत्री ने यहां त्रि-सेवा संयुक्तता यानी आर्मी, नेवी व एयरफोर्स की ज्वांइटनेस की बात कही। साथ ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख भी किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए त्रि-सेवा संयुक्तता एवं अन्य एजेंसियों के साथ संपूर्ण राष्ट्र दृष्टिकोण आवश्यक है। उन्होंने त्रि-सेवा लॉजिस्टिक नोड्स एवं मैनेजमेंट एप्लिकेशन की स्थापना और सिविल-मिलिट्री फ्यूजन की दिशा में उठाए गए कदमों का उल्लेख किया।

आत्मनिर्भरता नारा नहीं स्वायत्ता की कुंजी हैः राजनाथ

राजनाथ सिंह कहा , “ऑपरेशन सिंदूर ने सिद्ध कर दिया है कि शक्ति, रणनीति और आत्मनिर्भरता — ये तीन स्तंभ भारत को 21वीं सदी में वह सामर्थ्य देंगे जिसकी उसे आवश्यकता है। आज हम स्वदेशी प्लेटफॉर्मों और प्रणालियों के साथ अपने वीर सैनिकों के साहस के बल पर हर चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं। यही आत्मनिर्भर भारत की वास्तविक शक्ति है।” रक्षा मंत्री ने दोहराया कि आत्मनिर्भरता कोई नारा नहीं बल्कि रणनीतिक स्वायत्तता की कुंजी है। उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता न केवल आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देती है, बल्कि शिपयार्ड, एयरोस्पेस क्लस्टर और रक्षा कॉरिडोर की क्षमता भी बढ़ाती है।-एजेंसी इनपुट के साथ

Rajnath singh briefed the three service chiefs on the defence acquisition procedure amendment

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Published On: Sep 16, 2025 | 07:16 PM

Topics:  

  • Defence Sector
  • Narendra Modi
  • Rajnath Singh

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