रेल मंत्री अश्विन वैष्णव (फोटो-ANI)
नई दिल्ली: भारतीय रेल सालों से पूरे देश को जोड़े रखने का महत्वपूर्ण काम कर रही है। लगभग हर भारतीय ने कम से कम एक बार तो रेल में यात्रा अवश्य ही की होगी। भारतीय रेल दुनिया में सबसे सस्ती ट्रेन सेवाएं प्रदान करने वालों में से एक है। ट्रेन के एसी कोच में सफर करते वक्त अक्सर यात्रियों की सुविधा के लिए तकिया, कंबल प्रदान किए जाते हैं। लेकिन कभी आपने ये सोचा है कि ये कंबल महीने में कितनी बार धोए जाते हैं? इस सवाल का जवाब खुद रेल मंत्री अश्विन वैष्णव ने दिया है।
दरअसल, लोकसभा सत्र के दौरान कांग्रेस सांसद कुलदीप इंदौरा ने एक सवाल प्रस्तुत किया था। रेल के एसी कोच में यात्रियों को दिए जाने वाले कंबल कितनी बार धोए जाते हैं? ये एक आम सवाल है, जिसका जवाब रेल में साफ-सफाई को लेकर कितना ध्यान दिया जाता है ये दर्शाता है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसके जवाब में कहा है कि रेल में यात्रा के दौरान मिलने वाली चादरें और तकिए के कवर को हर यात्रा के बाद धोया जाता है।
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बेड रोल किट में रजाई कवर भी शामिल
कंबल के बारे में वैष्णव ने कहा कि रेल के एसी कोच में प्रोवाइड किए गए कंबलों को महीने में कम से कम एक बार धोया जाता है। देखा जाए तो स्वच्छता मानकों के अनुसार बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए रेलवे यात्रियों से शुल्क लेता है। वैष्णव ने आगे कहा कि यात्रियों को दिए जाने वाले बेड रोल किट में रजाई कवर के रूप में एक एक्स्ट्रा शीट भी शामिल की गई है। इस दौरान रेल मंत्री ने अपने लिखित उत्तर में साफ तौर पर बताया है कि वर्तमान में रेलवे द्वारा यात्रियों को उपलब्ध कराए जाने वाले कंबल हल्के, वॉशेबल और यात्रियों के कंफर्ट के लिए बेहतर इंसुलेशन प्रदान करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
रेल मंत्री ने बताया कि नए और बेहतर क्वालिटी वाले बिस्तर के लिए बीआईएस मानकों के अनुसार लिनेन सेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि स्वच्छता के लिए ऑटोमेटिक लॉंड्री फैसिलिटी, सर्टिफाइड वॉशिंग इक्विपमेंट, खास स्वच्छता एजेंट्स और लॉंड्री प्रक्रिया के मेंटेनेंस इन सब का समावेश है। साथ ही मंत्री वैष्णव ने बताया कि सफेद मिटर लिनेन की क्वालिटी जांच करता है।
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मंत्री वैष्णव ने जानकारी दी है कि लिनेन का जीवनकाल भी घटाया गया है ताकि पहले की तुलना में इसे जल्दी नए से बदला जा सके। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि रेलमदद पोर्टल पर बेड रोल से संबंधित कंप्लेंट्स पर नजर रखने और कार्रवाई करने के लिए भी इंतजाम किया गया है। इसके लिए विभागीय मुख्य कार्यालय और विभागीय लेवल पर वॉर रूम तैयार किए गए हैं।