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प्रयागराज: महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 12 स्थित शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिविर में चल रही परम धर्म संसद में रविवार को दो बड़े प्रस्ताव पारित किए गए। धर्म संसद में एक ओर जहां अमेरिकी प्रशासन के हिंदू विरोधी कृत्य की कड़ी निंदा की गई। वहीं मनुस्मृति के खिलाफ वक्तव्य देने पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने का प्रस्ताव पारित करते हुए उनसे इसके लिए क्षमा याचना करने की मांग की गई।
राहुल गांधी को इस ग्रंथ की निंदा करने पर कारण स्पष्ट करने के लिए एक महीने का वक्त इस चेतावनी के साथ दिया गया है कि क्यों न उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत कर दिया जाए। धर्म संसद ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के वायरल हो रहे एक वीडियो क्लिप को संज्ञान में लिया है।
बताया गया कि वायरल वीडियो में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मनुस्मृति को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं। संसद में कहा गया कि उनके इस बयान से मनुस्मृति को पवित्र ग्रंथ मानने वाले करोड़ों आस्थावान लोगों को पीड़ा हुई है। विकास पाटनी के निंदा प्रस्ताव रखने पर परम् धर्म संसद ने राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने का प्रस्ताव पारित करते हुए एक माह में कारण स्पष्ट करने को कहा है।
धर्म संसद में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने अवैध रूप से प्रविष्ट कुछ भारतीयों को देश से बाहर किया है, यह उनका अधिकार है लेकिन अभिरक्षा में लिए गए भारतीय हिंदुओं को अमेरिकी प्रशासन का खाने में निषिद्ध भोजन परोसा जाना बेहद निंदनीय है। ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिकी प्रशासन ने हिंदुओं की धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाने के लिए यह कृत्य जानबूझ कर किया है।
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प्रस्ताव पर हुई चर्चा के बाद धर्मादेश सुनाते हुए शंकराचार्य ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व वाली सरकार घोर निंदा करते हुए उनसे क्षमा याचना की मांग करती है। यही नहीं, धर्मसंसद ने भारत सरकार से भी अमेरिकी प्रशासन के हिंदू विरोधी कृत्य के लिए निंदा प्रस्ताव पारित करने की मांग की है।