रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी (सोर्स- सोशल मीडिया)
Putin Visitor Book Message: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को अपनी भारत यात्रा के दौरान राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने समाधि स्थल पर रूसी झंडे के रंगों से सजे चक्र को चढ़ाया और सिर झुकाकर गांधीजी को नमन किया। इस अवसर पर पुतिन ने विजिटर बुक में एक विशेष संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी के वैश्विक योगदान और उनकी विचारधारा की प्रासंगिकता पर जोर दिया। पुतिन ने कहा कि रूस और भारत आज भी उन्हीं सिद्धांतों का समर्थन कर रहे हैं, जिनकी कल्पना गांधीजी ने की थी।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के राजघाट पहुंचने पर विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने उनका स्वागत किया और प्रोटोकॉल की जानकारी दी। पुतिन ने सबसे पहले रूसी झंडे के रंगों से सजे एक चक्र को महात्मा गांधी की समाधि पर चढ़ाया और आदरपूर्वक सिर झुकाकर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने भारतीय परंपरा का पालन करते हुए समाधि पर गुलाब की पंखुड़ियां भी अर्पित कीं और नमन किया।
राजघाट का यह दौरा भारत में विदेशी राष्ट्रप्रमुखों के लिए एक अनिवार्य प्रोटोकॉल है, जो भारत के मूल्यों और सम्मान को दर्शाता है। पुतिन के चेहरे पर इस दौरान गंभीरता और सम्मान का भाव साफ दिखाई दिया, जो गांधीजी के वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है।
महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद, राष्ट्रपति पुतिन ने विजिटर बुक में एक विशेष संदेश लिखा, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। उन्होंने गांधीजी को ‘आधुनिक भारत राष्ट्र के संस्थापकों में से एक’ बताते हुए उन्हें महान और मानवतावादी करार दिया।
पुतिन ने राजघाट पर विज़िटर्स बुक में खास संदेश लिखा (सोर्स- सोशल मीडिया)
पुतिन ने लिखा कि गांधीजी ने दुनिया में शांति स्थापित करने में अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि गांधीजी की स्वतंत्रता, सदाचार और मानवता की विचारधारा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उनके समय में थी। पुतिन ने यह भी याद दिलाया कि गांधीजी ने एक नए, अधिक न्यायपूर्ण और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की कल्पना की थी और आज वही व्यवस्था आकार ले रही है। उन्होंने रूसी दार्शनिक लियो टॉल्स्टॉय और गांधीजी के बीच हुए पत्राचार का भी जिक्र किया, जिसमें समानता, पारस्परिक सम्मान और बिना प्रभुत्व के सिद्धांतों पर आधारित दुनिया की चर्चा होती थी।
#WATCH | Delhi | Russian President Vladimir Putin signs the visitors’ book at the Rajghat, where he paid tribute to Mahatma Gandhi. (Video: DD) pic.twitter.com/uyNMlNLSkm — ANI (@ANI) December 5, 2025
राष्ट्रपति पुतिन ने अपने संदेश के अंत में भारत-रूस साझेदारी का आधार भी स्पष्ट किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस और भारत भी इन्हीं सिद्धांतों (समानता, पारस्परिक सम्मान) का समर्थन कर रहे हैं।
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उनका यह बयान 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन से ठीक पहले आया है, जो यह दर्शाता है कि दोनों देशों के संबंध केवल रणनीतिक या आर्थिक नहीं हैं, बल्कि साझा नैतिक और दार्शनिक सिद्धांतों पर भी आधारित हैं। राजघाट पर पुतिन की उपस्थिति और उनका यह संदेश वैश्विक मंच पर शांति और न्याय के लिए दोनों देशों के साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है।