प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से अपने करीबी और इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ बिबेक देबरॉय की मौत की जानकारी दी है। शुक्रवार की सुबह प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद यानी ईएसी-पीएम के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि बिबेक 69 वर्ष के थे।
ईएसी-पीएम के एक सीनियर ऑफिसर ने इस बात की जानकारी दी है। दरअसल देबरॉय कुछ समय से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में भर्ती थे। हालांकि अभी तक उनकी मौत के कारण की पुष्ठि नहीं हुई है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा है कि, मैं डॉ देबरॉय को कई सालों से जानता हूँ। मैं उनकी अंतर्दृष्टि और एकेडमिक चर्चा के प्रति उनके उत्साह को हमेशा याद रखूंगा। मैं उनके निधन से काफी दुखी हूं। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदनाएं है। ओम शांति।
I have known Dr. Debroy for many years. I will fondly remember his insights and passion for academic discourse. Saddened by his passing away. Condolences to his family and friends. Om Shanti. pic.twitter.com/TyETOOwOoY
— Narendra Modi (@narendramodi) November 1, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और पोस्ट में लिखा है कि डॉ. बिबेक देबरॉय जी एक प्रखर विद्वान थे, जो इकोनॉमिक्स, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, अध्यात्म और अन्य विविध क्षेत्रों में पारंगत थे। अपने कार्यों के माध्यम से, उन्होंने भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। सार्वजनिक नीति में अपने योगदान के अलावा, उन्हें हमारे प्राचीन ग्रंथों पर काम करने और उन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाने में भी आनंद आता था।
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69 वर्षीय डॉ बिबेक देबरॉय ने नरेंद्रपुर के रामकृष्ण मिशन स्कूल कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की थी। साथ ही उन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज, पुणे के गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स, दिल्ली के भारतीय विदेश व्यापार संस्थान में भी अपनी सर्विस दी थी। आपको बता दें कि देबरॉय कानूनी सुधारों पर वित्त मंत्रालय/यूएनडीपी परियोजना के डायरेक्टर भी रह चुके है। 5 जून 2019 को वे नीति आयोग के सदस्य भी बने थे। उन्होंने कई पुस्तकों, शोधपत्रों और लोकप्रिय लेखों का लेखन/संपादन किया है और कई समाचार पत्रों के सलाहकार/योगदान संपादक भी रहे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)