PM मोदी
Sansad Vande Mataram Debate: आज ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ पर संसद में एक महत्वपूर्ण चर्चा शुरू हो गई है। इस बहस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में की। इस चर्चा से उम्मीद है कि राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ से जुड़ी कई महत्वपूर्ण और शायद अज्ञात तथ्यों का खुलासा होगा। हालांकि, इस दौरान संसद में हंगामे के भी आसार नजर आ रहे हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही कांग्रेस पर गीत के कुछ छंद हटाने का आरोप लगाया है, जो विवाद का कारण बन सकता है।
इस बहस के लिए 10 घंटे का समय आवंटित किया गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी मुख्य वक्ता के रूप में अपना पक्ष रखेंगे, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दूसरे वक्ता होंगे। विपक्ष की ओर से, प्रियंका गांधी, गौरव गोगोई, और कई अन्य सांसद इस बहस में हिस्सा लेने की उम्मीद है।
लोकसभा में वंदे मातरम् पर ऐतिहासिक चर्चा की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश के आज़ादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना इस सदन में हम सबका बहुत बड़ा सौभाग्य है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं।’
लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा, ‘वंदे मातरम् की 150 वर्ष की यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है। जब वंदे मातरम् के 50 वर्ष हुए, तब देश गुलामी में जीने के लिए मजबूर था। जब वंदे मातरम् के 100 वर्ष हुए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, और जब वंदे मातरम् का अत्यंत उत्तम पर्व होना चाहिए था, तब भारत के संविधान का गला घोंट दिया गया था। जब वंदे मातरम् के 100 वर्ष हुए, तब देशभक्ति के लिए जीने-मरने वाले लोगों को जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया था। जिस वंदे मातरम् के गीत ने देश को आजादी की ऊर्जा दी थी, उसके 100 वर्ष पूरे होने पर हमारे इतिहास का एक काला कालखंड दुर्भाग्य से उजागर हो गया।’
यह भी पढ़ें- IndiGo संकट पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार, CJI बोले- सरकार ने पहले ही इसे गंभीरता से लिया
लोकसभा के बाद, राज्यसभा में भी 9 दिसंबर को ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा होगी। इस चर्चा की शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह करेंगे और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा दूसरे वक्ता होंगे। यह चर्चा भारतीय राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करेगी, जो भारतीय राष्ट्रवाद का प्रतीक है।