पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार द्वारा गठित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर देश की राजनीतिक पार्टियों द्वारा अलग-अलग सवाल उठाए जा रहे है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस प्रतिनिधिमंडल की चयन प्रक्रिया को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि इस विषय पर संसद में विशेष सत्र बुलाया जाता, तो यह फैसला अधिक लोकतांत्रिक और सर्वमान्य होता। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए इसे एकतरफा और अपारदर्शी करार दिया, वहीं सांसदों को विदेश भेजने की पहल को उन्होंने कूटनीतिक रूप से एक सही कदम भी बताया।
वहीं सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में सांसदों के चयन को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने दावा किया कि जिन चार नामों की सिफारिश राहुल गांधी ने की थी, उनमें से केवल एक को चुना गया, जबकि बाकी के नामों को नजरअंदाज किया गया। इस पर भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस के नामित सदस्यों पर पाकिस्तान से करीबी संबंध होने का आरोप लगाया, जिससे यह विवाद और गहराता गया।
Sending parliamentarians to various countries to explain the rationale behind Operation Sindoor is a welcome and timely step. In today’s world, where war yields only destruction and is no longer a viable option not even as a last resort diplomacy remains our most effective tool.… pic.twitter.com/PVghgKv9ZJ
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 18, 2025
महबूबा मुफ्ती का केंद्र सरकार पर आरोप
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को विदेश भेजने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह निर्णय अगर संसद में चर्चा के बाद लिया गया होता तो अधिक मजबूत होता। उन्होंने सरकार की प्रक्रिया को अपारदर्शी बताया और कहा कि विपक्ष को साथ लिए बिना इस तरह के प्रयास लंबे समय तक प्रभावी नहीं हो सकते। उन्होंने हालांकि यह भी स्वीकार किया कि दुनिया को ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि समझाने के लिए यह पहल जरूरी थी।
बीजेपी-कांग्रेस के बीच तीखी तकरार
प्रतिनिधिमंडल की सूची सामने आने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखी राजनीतिक बहस छिड़ गई। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा जारी सूची में कांग्रेस नेता शशि थरूर का नाम देख कांग्रेस चौंक गई। पार्टी ने कहा कि उसने थरूर का नाम भेजा ही नहीं था। जयराम रमेश ने थरूर पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना अलग बात है। दूसरी ओर, बीजेपी ने कांग्रेस पर भेदभावपूर्ण नाम भेजने का आरोप लगाया और कहा कि उनके सुझाए गए कुछ नेताओं के पाकिस्तान से संबंध हैं।