लोकसभा में बोलते हुए अमित शाह (सोर्स- सोशल मीडिया)
Amit Shah in Parliament: ऑपरेशन सिंदूर पर मंगलवार को भी लोकसभा में चर्चा जारी रही। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम पर जमकर निशाना साधा। चर्चा के दौरान उन्होंने 10 आतंकवादियों के नाम लिए और दावा किया कि उनमें से कुछ ने यूपीए सरकार के दौरान घटनाओं को अंजाम दिया था। दरअसल, एक इंटरव्यू के दौरान चिदंबरम ने सवाल उठाया था कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे।
शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में घुसकर हमला किया गया था। उन्होंने कहा, ‘सर्जिकल स्ट्राइक और ‘एयर स्ट्राइक’ में हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर हमला किया था। एक तरह से हमने भारत के हिस्से पर हमला किया, क्योंकि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर हमारा है। लेकिन इस बार हम 100 किलोमीटर अंदर घुसकर पाकिस्तान की जमीन पर आतंकियों का खात्मा किया।’
शाह ने मारे गए आतंकियों के नाम बताते हुए कहा कि जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर का साला हाफ़िज़ मोहम्मद जमील, मुदस्सर कादियान, याकूब मलिक, मोहम्मद हम्सा जालिब, मोहम्मद यूसुफ़ अज़हर, जैश-ए-मोहम्मद का अमीर, मोहम्मद हसन खार, मोहम्मद हसन गंभीर रूप से घायल हुए हैं और अब्दुल मलिक, खालिद अबू अक्स, नोइम मलिक, इनका कोई अता-पता नहीं है।
#WATCH | दिल्ली: कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मुझे बहुत दुख हुआ कि कल इस देश के पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम जी ने सवाल उठाया कि क्या सबूत है कि ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे। वे क्या कहना चाहते हैं? किसे बचाना चाहते हैं? पाकिस्तान को बचाकर… pic.twitter.com/0ucyp1nQGW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 29, 2025
उन्होंने कहा, ‘वे मुझसे पूछते थे कि पहलगाम के अपराधी कहां गए हैं। ये वो 10 नाम हैं जो मैंने पढ़े हैं। इनमें से चिदंबरम एंड कंपनी के समय में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने वाले 8 लोगों को नरेंद्र मोदी सरकार ने मार गिराया है। आपके समय में जो लोग छिपे हुए थे, उन्हें हमारी सेना ने चुन-चुनकर मार गिराया है। शाह ने कहा कि सेना ने 100 से ज़्यादा आतंकवादियों का सफाया किया है।’
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एक डिजिटल मीडिया वेबसाइट से बातचीत में चिदंबरम ने एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी के बारे में कहा, ‘एनआईए ने पिछले कुछ हफ़्तों में क्या किया, वे ये सब छिपाना चाहते हैं। क्या उन्होंने आतंकवादियों की पहचान की? वे कहाँ से आए थे? हमें बस इतना पता है कि वे स्थानीय आतंकवादी थे। आपने यह क्यों मान लिया कि वे पाकिस्तान से आए थे? इसका कोई सबूत नहीं है।’