दिल्ली ब्लास्ट के बाद भारत को दहलाने की साजिश, पाक हैंडलर ने तैयार किया था 6 हमलों का ब्लूप्रिंट
Delhi Blast Case: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने देशभर में छह स्थानों पर ग्रेनेड हमले की साजिश का खुलासा किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी आईएसआई समर्थित पाकिस्तानी हैंडलर शहजाद भट्टी के निर्देश पर दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश में ग्रेनेड हमले की योजना बना रहे थे। तीन संदिग्धों ने पूछताछ में बताया कि इनके निशाने पर तीन राज्यों के छह संवेदनशील स्थल थे। यह मॉड्यूल दिल्ली के अलावा पंजाब और यूपी के कई सार्वजनिक स्थानों पर ग्रेनेड से हमला करके भारी तबाही मचाने की फिराक में था।
स्पेशल सेल ने इन संदिग्धों से मिले मोबाइल, चैट और वीडियो क्लिपिंग की जांच में छह संभावित टारगेट की पहचान की है। इनमें से तीन स्थान पंजाब से जुड़े हुए हैं, जबकि दो यूपी और एक दिल्ली में है। पुलिस सूत्रों के अनुसार संदिग्धों ने इन स्थानों की रेकी कर रूट मैप, वीडियो और तस्वीरें भट्टी को भेजी थीं। इस खुलासे के बाद तीनों राज्यों में पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने संयुक्त रूप से ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी है।
जांच में यह सामने आया है कि पाकिस्तान में बैठा शहजाद भट्टी सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल के माध्यम से भारतीय युवाओं को अपने जाल में फंसाता था। उनकी आर्थिक समस्याओं और बेरोजगारी का फायदा उठाकर उन्हें गैंगस्टर से लेकर आतंकी गतिविधियों तक में शामिल किया जाता था। भट्टी और उसके साथी पहले युवाओं को पैसे कमाने का लालच देते, फिर छोटे-छोटे काम देकर उन्हें अपने नेटवर्क में शामिल करते थे। इसके बाद उन्हें टारगेट की रेकी, हथियारों की डिलीवरी, ठिकानों की तलाश और हमले की योजना में शामिल किया जाता था। पकड़े गए युवकों ने स्वीकार किया कि भट्टी सोशल मीडिया ऐप्स, ऑडियो कॉल और एन्क्रिप्टेड चैट के जरिए लगातार संपर्क में रहता था। वह भारत में अपनी मौजूदगी के बिना ग्राउंड ऑपरेटर्स के जरिए पूरे मॉड्यूल को नियंत्रित करता था। पुलिस का मानना है कि यह एक पूरी तरह विदेशी संचालित आतंकी मॉड्यूल है, जिसका उद्देश्य भारत में अस्थिरता फैलाना था।
मैप और वीडियो बरामदस्पेशल सेल को जांच में छह संदिग्ध स्थानों की फोटो और वीडियो क्लिप मिली हैं। इनमें भीड़भाड़ वाले बाजार, पुलिस स्टेशन, प्रशासनिक भवन और वह स्थल शामिल हैं जहां सुरक्षा बलों की नियमित आवाजाही रहती है। जांच एजेंसियां इन सभी डाटा को फोरेंसिक तरीके से विश्लेषित कर रही हैं। इन सुरागों के आधार पर दिल्ली, पंजाब और यूपी पुलिस ने दर्जनों छापेमार टीमें बनाई हैं। दिल्ली से लेकर गुरदासपुर, अमृतसर, बिजनौर और नोएडा तक कई ठिकानों पर छापेमारी हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि मॉड्यूल के दो से तीन सदस्य अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश तेज कर दी गई है।
गिरोह के और लिंक तलाशे जा रहे पूछताछ में सामने आया है कि भट्टी पंजाब के गैंगस्टरों से लेकर पाकिस्तान में बैठे आईएसआई समर्थित नेटवर्क से सीधे जुड़ा हुआ है। वह अपने साथियों के जरिए फंडिंग, हथियार सप्लाई और नए युवाओं की भर्ती का काम संभालता था। जांच एजेंसियों ने भट्टी के दो अन्य संपर्कों की पहचान कर ली है, जिन्हें जल्द ही पंजाब पुलिस के साथ साझा किया जाएगा। वहीं दिल्ली और यूपी में भी इस नेटवर्क से जुड़े कुछ लोकल लिंक तलाशे जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक यह मॉड्यूल छोटी रकम के बदले युवाओं को आतंकी गतिविधियों में उतारने वाला बेहद खतरनाक तंत्र है। इसका उद्देश्य भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ग्रेनेड हमला कर दहशत फैलाना और देश को अस्थिर करना था।
फिरोजपुर के कोहाला गांव का रहने वाला हरगुनप्रीत सिंह उर्फ गुरकरणप्रीत 12वीं पास है। वह अपने एक दोस्त के जरिए भट्टी के संपर्क में आया। पैसों के लोभ में वह गुरदासपुर पुलिस स्टेशन पर हमले के लिए तैयार हो गया। वह साथी मोहन के साथ गुरदासपुर पहुंचा और विकास से ग्रेनेड व हथियार लेकर रेकी की। 25 नवंबर की शाम उसने सिटी पुलिस स्टेशन के बाहर ग्रेनेड फेंका, जबकि उसका साथी मोटरसाइकिल चलाता रहा।
पुलिस का मानना है कि इस हमले के जरिए मॉड्यूल अपनी सक्रियता साबित करना चाहता था, ताकि भट्टी को पाकिस्तान से और फंडिंग मिल सके। आसिफ ढाई महीने पहले इंस्टाग्राम के जरिए भट्टी के संपर्क में आया थाउत्तर प्रदेश के बिजनौर के मच्छमार गांव का रहने वाला 5वीं कक्षा पास आसिफ उर्फ आरिश करीब ढाई महीने पहले इंस्टाग्राम के जरिए भट्टी के संपर्क में आया। भट्टी ने पहले उसे ग्राउंड ऑपरेटर्स के वीडियो भेजे, फिर पंजाब में ग्रेनेड फेंकने का टास्क दिया। आसिफ को लोकेशन मैप, टारगेट की तस्वीरें और रूट प्लान भेजा गया। वह विकास से भी जोड़ा गया था। कुछ दिनों पहले भट्टी ने उसे ‘अगले निर्देश’ का इंतजार करने को कहा था।
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पुलिस मान रही है कि उसकी भूमिका यूपी और दिल्ली में टारगेट चुनने से लेकर विस्फोटक पहुंचाने तक की हो सकती थी। मध्य प्रदेश के दतिया का रहने वाला 24 वर्षीय विकास प्रजापति उर्फ बेटू इंद्रगढ़ की अनाज मंडी में मजदूरी करता था। इंस्टा पर भट्टी की गैंगस्टर वाली छवि से प्रभावित होकर वह उससे जुड़ गया। भट्टी ने वीडियो कॉल पर उसे पार्सल खोलने का तरीका सिखाया, जिसमें ग्रेनेड भरा था। विकास को डिलीवरी कन्फर्मेशन के बदले नकद और हथियार दिए गए। उसने गुरदासपुर सिटी पुलिस स्टेशन और अमृतसर टाउन हॉल पुलिस स्टेशन की रेकी कर वीडियो भट्टी को भेजे। भट्टी ने विकास से कहा था कि वह ग्रेनेड हरगुनप्रीत और उसके साथी तक पहुंचाए और ऑपरेशन के लिए मोटरसाइकिल की व्यवस्था करे।